‘हर घर तिरंगा’ की मुहीम पाॅलिस्टर कंपनी को फायदा पहुँचाना है…?
इस बार पॉलिएस्टर झंडे को मान्यता दी गई है। …और पॉलिएस्टर के सबसे बड़ा निर्माताओं में मुकेश अंबानी भी शामिल है। रिलायंस पाॅलिस्टर बनाने की सबसे बड़ी कंपनी है। एक तिरंगा पाॅलिस्टर का यदि कम से कम 25 रुपए का तो केवल 20 करोड़ का दाम जोड़कर देखें! अरबों का कारोबार पाॅलिस्टर कंपनी की करवाने की योजना तो नहीं है हर घर तिरंगा की मुहीम?
जैसे सामने वाला जो बोलता है वैसा नहीं सोचना चाहिए। विषयों के हर पहलू पर विचार करके अपना विचार रखना चाहिए। हर कलेक्ट्रेट पर तिरंगा लगाकर भी आजादी का जश्न कमतर नहीं रहता। अभी हर स्कूल पर तिरंगा फहराकर बच्चों को लड्डू खिलाकर मनाया जाने वाला आजादी का जश्न सभी घर मना लेते रहे हैं, सभी सरकारी गैर-सरकारी संस्थान भी तिरंगा फहराकर आजादी का लड्डू खाते हैं।
योजना का आह्वान करने वाले जानते हैं कि लोग तिरंगा के नाम पर चुपचाप पैसे देंगे ही
अमृत महोत्सव का जश्न हर घर तिरंगा की बजाय हर घर आजादी का लड्डू भी खिलाया जा सकता था। हर गांव की पंचायत पर पूरे गांव के साथ एक खादी का झंडा लहराया जा सकता था। सरकार ने तो तिरंगे को मज़ाक बनाकर रख दिया है। नहीं लोगे तो राशन नहीं देंगे। वेतन से पैसे काटकर रिलायंस का पाॅलिस्टर तिरंगा बांटेंगे। ताकि आम जनता के इन पैसों को रिलायंस इंडस्ट्रीज के खाते में पहुंचाया जा सके। योजना का आह्वान करने वाले जानते हैं कि लोग तिरंगा के नाम पर चुपचाप पैसे देंगे ही!