नवरात्रों में लिया गया संकल्प- ‘कन्याओं और महिलाओं को हमेशा आदर-भाव देंगे’ नवरात्र में माता की सबसे बड़ी भेंट हो सकती है
नवरात्रों में कन्याओं को देवी तुल्य मानकर पूजा जाता है पर कुछ लोग नवरात्रि के बाद यह सब भूल जाते हैं। जिस घर में नारी का सम्मान होता है, वहां खुद ईश्वर वास करते हैं। अगर आप नवरात्रों में अगर आप कन्या पूजन कर रहे हैं या नहीं भी कर रहे हैं किन्तु आपको यह संकल्प इन नवरात्रों में अवश्य लेना चाहिए कि आप समाज की कन्याओं और महिलाओं को हमेशा आदर भाव देंगे। शायद नवरात्रों में माता को यही सबसे बड़ी भेंट हो सकती है।
हर कन्या अपना भाग्य खुद लेकर आती है
नवरात्रों में भारत में कन्याओं को देवी तुल्य मानकर पूजा जाता है पर कुछ लोग नवरात्रि के बाद यह सब भूल जाते हैं। बहुत जगह कन्याओं पर शोषण होता है, उनका अपमान किया जाता है। आज भी भारत में कन्या के जन्म पर दुःख मनाया जाता है। ऐसा क्यों? क्यों आप देवी मां के इन रूपों का ऐसा अपमान करते है? हर कन्या अपना भाग्य खुद लेकर आती है। कन्याओं के प्रति समाज को सोच बदलनी पड़ेगी। यह देवी तुल्य है। देवी तुल्य इन कन्याओं और महिलाओं का सम्मान करें। इनका आदर कर आप ईश्वर की पूजा के बराबर पुण्य प्राप्त करते हैं। शास्त्रों में भी बताया गया है कि जिस घर में नारी का सम्मान होता है, वहां खुद ईश्वर वास करते हैं।
फेंके नहीं हमें दे दें – DM
”कल सदर अस्पताल में एक नवजात बच्ची को नाले में फेंक दिया गया था l एक तरफ हम आदि शक्ति की आराधना कर रहें हैं और दूसरी तरफ दुर्गा स्वरूपा कन्या को फेंक रहे हैंl आज मेरे द्वारा सदर अस्पताल के निरीक्षण के क्रम में इस बच्ची का नामकरण “दुर्गा ” किया गया l साथ ही उचित इलाज का निदेश दिया गया l सभी लोगों से अपील है कि किसी भी नवजात को फेंके नहीं हमे दे दें ताकि समाज कल्याण विभाग से उनका उचित परवरिश करते हुए उनको किसी निसंतान दंपति को कानूनी रूप से गोद दे दिया जाय l”