रेलवे के इतिहास में ये पहली बार
अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस नई जेनरेशन की हाईस्पीड वंदे भारत ट्रेन मुंबई से अहमदाबाद जाते समय रास्ते में जानवरों के झुंड से टकरा गई। हालांकि, इस हादसे में अभी तक किसी के हताहत होने की खबर नहीं है, लेकिन इस हाईस्पीड ट्रेन के आगे के आधे हिस्से के परखच्चे उड़ गए।
मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, गुरुवार को यह ट्रेन हादसा मुंबई से अहमदाबाद जाते समय वटवा और मणिनगर स्टेशन के बीच हुई है। बताया जा रहा है कि हाईस्पीड में चल रही वंदे भारत ट्रेन के सामने जानवरों का झुंड आ गया। वंदे भारत की आवाज, हवाई जहाज़ की आवाज से 100 गुना कम है। “अच्छी बात” यह है कि बस अगवाड़ा टूटा, पिछवाड़े के लिए प्रार्थना करिए कि ना टूटे!
मीडिया से बातचीत के दौरान अहमदाबाद रेलवे के जनसंपर्क अधिकारी जीतेंद्र जयंत ने बताया कि गुरुवार की सुबह करीब सवा ग्यारह बजे वंदे भारत ट्रेन हादसा हुआ। उन्होंने बताया कि हादसे के बाद वंदे भारत ट्रेन को करीब 20 मिनट तक रोकना पड़ा। इसके बाद, ट्रेन ठीक करके आगे के लिए रवाना किया गया।
180 से 200 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार वाली वंदे भारत ट्रेन को 30 सितंबर को हरी झंडी दिखाकर पटरी पर उतारा गया था
मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, गुरुवार की सुबह सवा ग्यारह बजे जो ट्रेन जानवरों के झुंड से टकरा गई, उसे 30 सितंबर को हरी झंडी दिखाकर पटरी पर उतारा गया था। बता दें कि वंदे भारत ट्रेन 180 से 200 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार कुछ ही पल में पकड़ सकती है।
इससे पहले नई दिल्ली-वाराणसी और नई दिल्ली-माता वैष्णो देवी कटरा के बीच दो हाईस्पीड वंदे भारत ट्रेन का परिचालन आरम्भ हुआ था
मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, मुंबई-अहमदाबाद रूट पर चलने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन भारत में इंडियन रेलवे की हाईस्पीड वाली तीसरी रेलगाड़ी है। इससे पहले नई दिल्ली-वाराणसी और नई दिल्ली-माता वैष्णो देवी कटरा के बीच दो हाईस्पीड वंदे भारत ट्रेन का परिचालन शुरू किया गया था। गुरुवार को दुर्घटना के शिकार होने वाली वंदे भारत ट्रेन गांधीनगर से खुलकर अहमदाबाद होते हुए मुंबई तक जाती है और फिर इसी रूट से वापस आती है।
मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, इंडियन रेलवे पूरे देशश् में करीब 400 से अधिक सेमी हाईस्पीड वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन चलाने की तैयारी में जुटा है। इस हाईस्पीड ट्रेन में जीपीएस आधारित इन्फॉमेशन सिस्टम, सीसीटीवी कैमरे, वैक्यूम आधारित बायो टॉयलेट, ऑटोमैटिक स्लाइडिंग डोर और प्रत्येक कोच में चार इमरजेंसी पुश बटन लगे हैं। केंद्र सरकार ने मराठवाड़ा रेल कोच फैक्ट्री में वंदे भारत ट्रेनों के करीब 1600 कोच के निर्माण का फैसला किया है।