12 जुलाई को प्रधानमंत्री का पटना दौरा आतंकियों के निशाने पर था। बड़े स्तर पर गड़बड़ी करने की तैयारी थी
पटना के फुलवारी शरीफ के नया टोला में देश विरोधी साजिश में टेरर मॉड्यूल का SIMI-PFI कनेक्शन सामने आया है। अब तक पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है। पटना पुलिस का दावा है कि SIMI के सदस्यों के टारगेट पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी थे। आइबी को इस बाबत जानकारी मिली कि पटना के फुलवारी शरीफ इलाके में एक संभावित आतंकी मॉड्यूल संचालित हो रहा है।
आइबी को इस बाबत जानकारी मिली कि पटना के फुलवारी शरीफ इलाके में एक संभावित आतंकी मॉड्यूल संचालित हो रहा है। 12 जुलाई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पटना आए थे। इनका यह दौरा आतंकियों के निशाने पर था। प्रधानमंत्री के प्रोग्राम के दौरान बड़े स्तर पर गड़बड़ी करने की तैयारी थी। इसके लिए पूरा प्लान सेट था।
इसलिए दो दिन बाद किया खुलासा
प्रधानमंत्री का पटना दौरा और उनका प्रोग्राम शांति पूर्वक निपटना, पटना पुलिस की पहली प्राथमिकता में थी। इस कारण दो दिन पुलिस ने इस कार्रवाई की भनक तक किसी को नहीं लगने दी। भले ही 11 जुलाई को इन दोनों को पुलिस ने गिरफ्तार किया था, पर खुलासा 13 जुलाई को किया। इस खुलासे के बाद हर तरफ सनसनी मच गई। IB से लेकर राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) तक एक्टिव हो गई। अब इनके पूरे कनेक्शन को खंगाला जा रहा है।
पटना के फुलवारी शरीफ में चल रहे PFI के कार्यालय के खुलासे के बाद मामले में अबतक 5 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। इसी कड़ी में शुक्रवार को ATS और NIA की टीम ने पीरबहोर के सब्जीबाग इलाके में छापेमारी की है। NIA, ATS और पटना पुलिस ने सब्जीबाग स्थित पीएफआई और एसडीपीआई के कार्यालय में छापेमारी की। छापेमारी के दौरान कितने लोगों की गिरफ्तारी हुई है यह फिलहाल स्पष्ट नहीं हो सका है। छापेमारी के दौरान पुलिस को अहम दस्तावेज हाथ लगे हैं।
‘भारत को 2047 तक इस्लामिक मुल्क बनाने का जिक्र’
पटना पुलिस ने फुलवाशरीफ से अतहर परवेज और मोहम्मद जलालुद्दीन को गिरफ्तार किया था। मोहम्मद जलालुद्दीन झारखंड पुलिस का रिटायर्ड दरोगा है,जबकि अतहर परवेज पटना के गांधी मैदान में हुए बम धमाके का आरोपी मंजर का सगा भाई है। दोनों के तार पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) और सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (SDPI) से जुड़े हैं। पुलिस ने इन दोनों के पास से पीएफआई का झंडा, बुकलेट, पंपलेट और कई संदिग्ध दस्तावेज बरामद किए हैं। जिसमें भारत को 2047 तक इस्लामिक मुल्क बनाने का जिक्र है।
अरमान मलिक करता था फंड की व्यवस्था
इसके बाद मरगूब दानिश, शब्बीर आलम और एसडीपीआई और पीएफआई की आड़ में देश विरोधी साजिश रचने का वाले अरमान मलिक को भी गिरफ्तार किया गया है। अरमान भी फुलवारी शरीफ इलाके का ही रहने वाला है। बैठक के लिए फंड का इंतजाम अरमान मलिक ही करता था। पुलिस इन तीनों के संपर्क में रहने वाले 23 दूसरे लोगों की तलाश में लगातार छापेमारी कर रही है।
पटना पुलिस का दावा है कि खास समुदाय के लड़कों का ब्रेनवॉश करने के बाद उन्हें प्रशिक्षण सिमी का सदस्य अतहर परवेज दे रहा था। अतहर परवेज का भाई मंजर आलम पटना के गांधी मैदान में साल 2013 में पीएम मोदी की हुंकार रैली और बोध गया में हुए बम धमाकों के बाद गिरफ्तार हुआ था. वो फिलहाल जेल में है।
इस बात का भी खुलासा हुआ है कि ज्यादातर युवा केरल, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु और अन्य कई राज्यों से इनके यहां आतंक की ट्रेनिंग लेने के लिए आया करते थे। पुलिस ने खुलासा किया है कि इन दोनों संदिग्ध आतंकवादियों को पाकिस्तान, बांग्लादेश और तुर्की समेत कई इस्लामिक देशों से पैसे की की फंडिंग हुआ करती थी ताकि यह देश में रहकर देश विरोधी मुहिम चला सके।
सिमी के पुराने सदस्यों को जोड़ कर बना रहे थे गुप्त संगठन
गिरफ्तार मो. जलालुद्दीन प्रतिबंधित आतंकी संगठन का एक्टिव सदस्य रहा है और यह पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) का भी एक्टिव मेंबर है। पूछताछ में इसने खुलासा किया है कि PFI से सिमी के पूर्व सदस्यों को जोड़ा जा रहा है। इसके बाद इन्हें जोड़कर एक गुप्त संगठन तैयार किया जा रहा है। इस गुप्त संगठन के जिम्मे एक बड़ा टारगेट दिया गया है।
देश विरोधी साजिश रचने वाले संदिग्ध आतंकियों का मकसद इस्लाम का विरोध करने वालों से बदला लेना था। इसी मकसद से एसडीपीआई और पीएफआई की आड़ में गुप्त जिहादी दस्ता तैयार करने के लिए बाकायदा ट्रेनिंग दी जा रही थी। देशभर के समुदाय विशेष के युवाओं का ब्रेनवॉश कर उन्हें जिहादी दस्ते से जोड़ने का प्रयास चल रहा था।
निशाने पर नुपुर शर्मा और उनके समर्थक
भाजपा से निष्कासित प्रवक्ता नुपुर शर्मा के बयान के बाद देश के अंदर बवाल हुआ। इसमें काफी सारे लोग नुपुर शर्मा के समर्थन में आए थे। जिसके बाद राजस्थान के उदयपुर और फिर महाराष्ट्र के अमरावती में नुपुर शर्मा के समर्थकों की हत्या बेहरमी के साथ कर दी गई थी।
इन दोनों ही कांडों कनेक्शन अब पटना में पकड़े गए अतहर परवेज और मो. जलालुद्दीन के साथ इनके तैयार किए जा रहे गुप्त संगठन से जुड़ गया है। गुप्त संगठन का मकसद सोशल मीडिया यानी फेसबुक, टि्वटर समेत अन्य दूसरे माध्यमों से इस्लाम पर कमेंट या फिर आपत्तिजनक टिप्पणी करने वालों को निशाना बनाकर उनपर हमला करना था।
पुलिस की जांच और इनसे हुए पूछताछ में इसका खुलासा हुआ है। गुप्त संगठन की ओर से बदला लेने के नाम पर एक खास मुहिम चलाई जा रही है। गुप्त संगठन से जुड़े लोगों ने ही उदयपुर और अमरावती में नुपुर शर्मा के समर्थक की हत्या की थी।
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