सत्ता जब खामोश हो तब जनमानस समानांतर धारा में लोकतंत्र निर्वहन करे- कुणाल किशोर
18/07/2022 को मगध विश्वविद्यालय, बोधगया में ‘इंकलाबी छात्र’ के बैनर तले चल रहे अनिश्चतिकालीन धरना के 21 वें दिन ‘छात्र जन अदालत’ लगाया गया। इस मौके पर आईसा के छात्र नेता कुणाल किशोर ने कहा कि ”विगत 21 दिनों के बाद भी सरकार और प्रशासन द्वारा सूध नहीं लेना, लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिये खतरा है। छात्रों को जिस समय पुस्तकालय और कक्षा में होना चाहिए, लेकिन वो चौबीस घंटे प्रशासनिक भवन में डटे हैं। ये संघीय ढांचे पर हमला है। सत्ता जब खामोश हो तब जनमानस समानांतर धारा में लोकतंत्र निर्वहन करने को विवश हो जाता है।”
कोर्स वर्क करवाकर चार से पांच वर्षों में भी शोध निर्देशक को नहीं दिया गया
छात्र जन आदालत के संरक्षक कमलेश कुमार और संयोजक दीपक दांगी के नेतृत्व में चला। प्रीति पटेल ने अपना पक्ष रखते हुवे कहा कि ”विगत 11 मई से पीएचडी वाइवा के लिए सूचना नहीं मिला है। ऋषि देव कुमार द्वारा यह बतलाया गया कि कोर्स वर्क करवाकर चार से पांच वर्षों में भी शोध निर्देशक को नहीं दिया गया है।” श्रम एवं समाज कल्याण विभाग के शोधार्थी अविनाश कुमार कहा कि बार बार पीएचडी फाइल को लौटाई जा रही है।
सिमरन कुमारी विगत 12 दिनों से विवि के चक्कर काट रही हैं। उन्हें महिंद्रा कम्पनी में डिग्री जमा करनी है लेकिन विवि द्वारा डिग्री निर्गत नहीं किया जा रहा है। वही नवादा जिले के छात्र द्वारा 2019 में डिग्री जमा किया गया था जो अभी तक नहीं दिया गया है। 2021 में ही अमित कुमार ने डिग्री के आवेदन जमा किया था लेकिन पटना से विवि मुख्यालय का चक्कर कई बार लगाए है।
गया कॉलेज के दीपक कुमार को दस महीने बाद भी डिग्री नहीं दिया गया है। रवि कुमार कहते हैं चापलूसी और घूसखोरी मेरा जीवन में डिग्री नहीं दिया जाएगा। डिग्री देने के बाद भी रजिस्ट्रेशन नंबर गलत चढ़ा है। खुशबू कुमारी ने कहा कि प्रथम सबस्टर में रजिस्ट्रेशन नंबर गलत है जिससे चतुर्थ सबस्टर फॉर्म भरने में दिक्कत हो रहा है। मेरा अभी तक पिछले क्लास का रिजल्ट नहीं हुआ है।
एमएड का परीक्षा फल नहीं प्रकाशित हुआ है, जबकि अक्टूबर महीने में ही परीक्षा हुई थी
प्रभात रंजन ने अपना पक्ष रखते हुवे कहा कि ”एमएड का परीक्षा फल नहीं प्रकाशित हुआ है, जबकि अक्टूबर महीने में ही परीक्षा हुई थी।” स्वाति कुमारी का नियोजन होने वाला है। अभी तक डिग्री नहीं मिली है। उनका जीवन बर्बाद हो जाएगा। पूर्ववर्ती छात्र रोशन कुमार ने पक्ष रखते हुवे कहा कि 30 साल बाद पता चल रहा है कि मेरा रजिस्ट्रेशन गलत है। अभी उस समय की डायरी नहीं मिल रही है।
दीपक कुमार,सुजीत कुमार, रीमा कुमारी, प्रिंयका कुमारी, आलोक कुमार, सिद्धार्थ साह आदि छात्र-छात्राओं ने अपना पक्ष रखा। रोहित कुमार और अशोक कुमार ने बतलाया कि ‘इंकलाबी छात्र’ अपने स्तर से अध्ययन कर एक रिपोर्ट सभी पक्षों कुलपति और राज्यपाल के साथ साथ मुख्यमंत्री तक भेजी जाएगी। समीर यादव युवा राजद गया महानगर अध्यक्ष, विमल, विक्रम, रंजीत राज, अंकित चौधरी, पंकज टेक्निकल, बीट्टू, पिंटू आदि अन्य छात्र इंकलाबी छात्रों की उपस्थिति रही