राजनीति का गणित arthimetic की तरह नहीं होता…probablity की तरह होता है
रिजल्ट आने के बाद नीतीश कुमार के चाहने वाले का मानना है कि नीतीश कुमार इंडिया गठबंधन के साथ होते तो इंडिया गठबंधन पूर्ण बहुमत पा जाता, और नीतीश कुमार को PM बनने की संभावना होती। बहुमत पाने की बात हो सकता है सच हो जाती। …. लेकिन PM तो कभीं नहीं बनते। राजनीति का गणित arthimetic की तरह नहीं होता…probablity की तरह होता है।
नीतीश कुमार के लिए स्थिति ऐसी बनी है जिसके कारण उनके राजनीतिक विरोधी भी तंज करना भूल कर तारीफों के पूल बांधने में लगे हैं
आज नीतीश कुमार किंग मेकर की भूमिका में आ गए है…. उसका सिंपल और सीधा कारण राजनीतिक टाइमिंग और आंकड़ा है। जिस तरह का एग्जिट पोल गढ़ा गया था…. वैसी स्थिति में इस तरह के permutation और combination की उम्मीद राजनीतिक पंडितों को भी नहीं थी। संयोगवश ये राजनीतिक समीकरण की बात है कि नीतीश कुमार के लिए स्थिति ऐसी बनी है जिसके कारण उनके राजनीतिक विरोधी भी तंज करना भूल कर तारीफों के पूल बांधने में लगे हैं।
जिन्हें लगता है कि नीतीश कुमार इंडिया गठबंधन में रहते हुए PM बन जाते, उनको इस बात को समझ नहीं पा रहे है कि पूर्ण बहुमत पाने के बाद अखिलेश और ममता के आगे नीतीश को कौन पूछता? ऐसे भी नीतीश इंडिया गठबंधन में रहकर 15 से 20 सीट से ज्यादा नही प्राप्त कर पाते। इतनी सीटों के दम पर वो ममता और अखिलेश के महत्वाकांक्षाओं के आगे टिक नहीं पाते।
इंडिया गठबंधन के साथ सरकार बनाने में ज्यादा जोगी मठ उजाड़ वाली स्थिति पैदा हो जाएगी
आज जब BJP बहुमत से दूर है तो नीतीश की अहमियत बढ़ चुकी है। हर चैनल पर NDA के दो ही सहयोगी ही चर्चा में है। इंडिया गठबंधन भी NDA के सहयोगियों को अपने पाले में करने की कोशिश कर सकता है। लेकिन हमें लगता है नीतीश कुमार फिलहाल सरकार में रहकर उसे गलती करने का इंतजार करेंगे, और NDA के साथ मामला खराब हुआ तो INDIA के साथ सरकार बनाने के लिए शेष जादुई अंक खुद जुटा लेंगे, ताकि लोग इन्हें नेता मान ले। नहीं तो इंडिया गठबंधन के साथ सरकार बनाने में ज्यादा जोगी मठ उजाड़ वाली स्थिति पैदा हो जाएगी
NDA की सरकार बनने से पहले कठिन बारगेन जारी है
देखा जाए तो नीतीश के साथ TDP तो रहेगी ही, जेडीएस आ सकती है, ये तो इनके (जनता दल) पुराने सहयोगी भी रहे है…. जयंत चौधरी और आजसू पार्टी भी आ सकती है। अनुप्रिया पटेल भी। बाकी बिहार वाले जानते ही है कि नीतीश के हाथ में कितने कैंडिडेट है। इंडिया गठबंधन को 40 सीट प्राप्त करने के लिए शिवसेना (शिंदे गुट) का सहारा लेने की जरूरत पड़ी तो… महाराष्ट्र से बेहतर इस बात को कौन समझ सकता है। इस तरह का विकल्प दोनों गठबंधनों को डराए रखेगा…. यही कारण है कि NDA की सरकार बनने से पहले कठिन बारगेन जारी है। NDA सरकार इस कारण से भी डरा रहेगा, क्योंकि पिछले दो टर्म में उसने अपने सहयोगियों को कोई आदर नहीं किया। उसे इस बार हमेशा डर रहेगा कि कहीं ये लोग परेशान न करे।