नमो अब मोदी की गारंटी और मोदी सरकार कहना भूलकर एनडीए सरकार का जाप करने लगे हैं
महाराष्ट्र के साथ बिहार विधानसभा चुनाव और 140 सीटों पर जदयू प्रत्याशी की शर्त के साथ अड़े नीतीश कुमार का तर्क है कि लोजपा भाजपा की सहयोगी पार्टी है। उनका कहना है कि माँझी की हम जदयू की सहयोगी हो सकती है। छप्पन इंच के सीने से नवाजें गये नमो इतने मजबूर और विवश हैं कि मोलतोल करनेवाले एनडीए सहयोगियों के लिए बहरहाल सेल की स्थिति है। जिसे जो माँगना हो, माँग लो। नमो अब मोदी की गारंटी और मोदी सरकार कहना भूलकर एनडीए सरकार का जाप करने लगे हैं। लेकिन सियासत के माहिर खिलाड़ी नमो-शाह को शपथ-ग्रहण के बाद चार माह का समय मिले तो अडानी जैसे लोगों के सहयोग से जरूरी सांसदों का दल और दिल परिवर्तन करा लिया जा सकता है।
नीतीश कुमार अगली बार भी मुख्यमंत्री के पद पर अपनी ताजपोशी की गारंटी तो ले ही ली
सियासी गलियारों की मानें तो नीतीश कुमार के समक्ष सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा को घुटने टेकने का निर्देश प्राप्त हो चुका है। लोकसभा में टीडीपी अध्यक्ष को लेकर नीतीश कुमार की सहमति की खबर है लेकिन विधानसभा भंग करने, जदयू कोटे में 140 विधानसभा सीटों पर सहमति देने, समान सिविल कोड और अग्निवीर की नियमावली की समीक्षा करने की शर्तों पर भी उनकी जिच है। नीतीश कुमार अगली बार भी मुख्यमंत्री के पद पर अपनी ताजपोशी की गारंटी तो ले ही लेंगे।
चंद्रबाबू नायडू मोलतोल के माहिर खिलाड़ी हैं और उन्हें अपनी जेल यात्रा व साजिशें याद हैं
मंत्रालय को लेकर वित्त, रेलवे, उद्योग, रक्षा और शिक्षा उनकी पसंद है लेकिन कृषि सहित कुछ अन्य विभागों पर भी चर्चा होने की सूचना है। चंद्रबाबू नायडू मोलतोल के माहिर खिलाड़ी हैं और उन्हें अपनी जेल यात्रा व साजिशें याद हैं। उनके रुख और निर्णय व आश्वासन भरोसेमंद नहीं रहे हैं। उनकी नजर ही गृह, वित्त, रेलवे, रक्षा जैसे महत्वपूर्ण विभागों पर हैं, लेकिन कहा जा रहा है की टीडीपी व जदयू विभागों को लेकर उतनी जिच नहीं करेगा। दोनों दल कैबिनेट और राज्य मंत्रालय भी लेना चाहते हैं। वित्त राज्य मंत्री पर भी बात चल रही है। चिराग को भी महत्वपूर्ण मंत्रालय मिलेगा।
खबर है कि लोकसभा स्पीकर का पद तकनीकी व राजनैतिक कारणों से टीडीपी और जदयू अपने पाले में रखना चाहती है। इंडिया ब्लॉक खेमे में बहुमत की कमी दिखती है इसलिए नीतीश कुमार उस ओर मुखातिब होने की स्थिति में नहीं हैं। नमो-शाह भी अपने सहयोगियों को साथ लेकर चलने की हर कोशिश करेंगे वरना राहुल गाँधी 30 लाख करोड़ के घोटाले की बात करने लगे हैं।
आरएसएस में अभी इतना दमखम नहीं कि नमो को नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए पद से त्यागपत्र देने को लेकर कम-से-कम ट्वीट भी करें
नमो चुनावी हार की नैतिक और राजनैतिक जिम्मेदारी नहीं लेंगे। खुद अपने स्तर से पीएम के पद का त्याग नहीँ करेंगे। राजनाथ सिंह, योगी आदित्यनाथ, गडकरी सरीखे नेताओं और आरएसएस में अभी भी इतना दमखम नहीं कि नमो को नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए पद से त्यागपत्र देने को लेकर कम-से-कम ट्वीट भी करें। इसलिए नमो का शपथग्रहण तो होगा। नमो जानते हैं कि उन्होंने नैतिकता के आधार पर पद का त्याग किया तो फिर उनके नाम पर लड़े जा रहे 2024 के चुनाव में करारी हार का ठीकरा फोड़ते हुये उन्हेँ पीएम की रेस से हमेशा के लिए बाहर कर दिया जाएगा। इंडिया ब्लॉक में नमो की पुलिसिया कार्रवाई से खार खाये नेताओं की जमात भी नमो को जाँच के दायरे में लाने की कवायद करेगी।
भाजपा बोली-विधानसभा चुनाव नीतीश कुमार के नेतृत्व में ही
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष व उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने कहा कि नीतीश कुमार के नेतृत्व में ही अगला विधानसभा चुनाव लड़ेंगे। उनसे पूछा गया था-जदयू ने कहा है कि अगला विस चुनाव नीतीश कुमार के नेतृत्व में ही लड़ा जाएगा। सम्राट ने कहा-इसमें दिक्कत क्या है? बिहार में 1996 से भाजपा, नीतीश के नेतृत्व में चुनाव लड़ती रही है। आगे भी लड़ेगी।