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INDIA गठबंधन के संयोजक हेतु नीतीश कुमार को इन नेताओं का मिला साथ

सूत्रों के मुताबिक, नीतीश कुमार ने लालू यादव, उद्धव ठाकरे और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल से बात कर ली है। जानकारी के मुताबिक सीएम केजरीवाल नीतीश के नाम से सहमत हैं। इस बारे में कांग्रेस से भी बात कर ली गयी है और गठबंधन के अन्य दलों से भी बात की जा रही है। खबरों के मुताबिक आज एक ऑनलाइन मीटिंग हो सकती है जिसमें नीतीश के नाम का ऐलान हो सकता है।

नीतीश कुमार को ऑफर हुआ संयोजक का पद

इस खबर पर हालांकि आधिकारिक बयान किसी तरफ से आया नहीं है लेकिन ऐसी चर्चा तेज है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक नीतीश और कांग्रेस समेत INDIA गठबंधन के बड़े नेताओं की 3 जनवरी को ऑनलाइन मीटिंग होगी। इस मीटिंग में कांग्रेस की ओर से नीतीश कुमार को संयोजक पद का ऑफर दिया जा सकता है। पटना में कांग्रेस नेता शकील अहमद खान ने भी नीतीश कुमार से मुलाकात की। एक न्यूज चैनल से बात करते हुए शकील अहमद ने इस बात की पुष्टि करते हुए कहा कि कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व नीतीश के संपर्क में है और उनका नाम संयोजक के लिए चर्चा में है।

कांग्रेस जेडीयू को गठबंधन में बनाए रखने के लिए राष्ट्रीय संयोजक का पद छोड़ने के लिए तैयार है

वहीं, सूत्रों के हवाले से बताया कि कांग्रेस जेडीयू को गठबंधन में बनाए रखने के लिए राष्ट्रीय संयोजक का पद छोड़ने के लिए तैयार है। एक कांग्रेस नेता ने कहा, “राहुल गांधी एक महत्वपूर्ण यात्रा पर निकल रहे हैं, हम यात्रा की गति को जारी रखना चाहते हैं। अगर नीतीश कुमार भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए में चले जाते हैं तो विपक्ष को एकजुट करने का प्रयास विफल हो जाएगा। इंडिया गठबंधन के अधिकांश सदस्य इस बात से चिंतित हैं।”

बड़ा पद न मिलने से नाराज थे नीतीश कुमार

गौरतलब है कि विपक्षी एकता की नींव रखने का श्रेय नीतीश कुमार को ही जाता है। नीतीश ने खास तौर पर दक्षिण में सभी विपक्ष के नेताओं से संपर्क साध उन्हें गठबंधन की एक जाजम के नीचे खड़े करने का मुश्किल काम को अंजाम दिया है। तब ऐसा लग रहा था कि गठबंधन बनने के बाद इन्हें कोई बड़ा ओहदा कोई बड़ा पद दिया जाएगा। ऐसी भी संभावना जताई जा रही थी कि नीतीश को गठबंधन में संयोजक बनाया जाएगा। हालांकि ऐसा हुआ नहीं।

गठबंधन की चार मीटिंग के बाद भी गठबंधन में इन्हें कोई बड़ा पद नहीं दिया गया था। इसके बाद नीतीश के नाराज होने की खबरों की चर्चा ने जोर पकड़ा था। नीतीश का ललन सिंह को हटाकर खुद पार्टी मुखिया बनना भी इसी कड़ी का हिस्सा बताया जा रहा है. हालांकि काफी महीनों से सब कुछ शांत चल रहा था।