तिरंगे का अपमान! डीएम ने दिया जांच का आदेश, हो सकती है तीन साल की जेल
तिरंगा लिए प्रदर्शनकारी शिक्षक अभ्यर्थी पर पटना के ADM साहेब ने ताबड़तोड़ बरसाये लाठियां। एक प्रदर्शनकारी अभ्यर्थी के हाथ में तिरंगा होने के बावजूद केके सिंह ने हाथ में डंडा लेकर उस पर लाठी बरसाई। सीधे-सीधे तिरंगे को निशाना बनाकर अभ्यर्थी के हाथ पर केके सिंह हमला करते रहे, लगातार दर्जनों बार तिरंगे पर लाठी से प्रहार किया। तिरंगे का अपमान वहां खड़े पुलिस और प्रशासन के दूसरे लोग भी देख रहे थे।
पटना में एडीएम की गुंडागर्दी वाली तस्वीरें सामने आई। राजधानी में सड़क पर उतरकर प्रदर्शन कर रहे शिक्षक अभ्यर्थियों के ऊपर पुलिस ने लाठीचार्ज किया और इस दौरान मजिस्ट्रेट के तौर पर तैनात पटना के एडीएम के के सिंह की गुंडागर्दी देखने को मिली। सीटेट और बीटेट पास अभ्यर्थियों ने सोमवार को प्रदर्शन किया। अभ्यर्थियों ने प्रदर्शन की पूर्व में अनुमति नहीं ली थी। इससे नाराज ADM केके सिंह का बेहद ही अमानवीय चेहरा सामने आया है। अगर पटना का लठबाज अधिकारी शाम तक नहीं हटाया जाता तो समझ जाइए युवाओं को लेकर सभी सरकारें एक ही फोर्मुले पर चल रही है।
अभ्यर्थियों का गुस्सा डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव पर भी जमकर फूटा
अभ्यर्थियों ने आरोप लगाया कि सरकार बनने से पहले डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव कहते थे कि उनकी सरकार बनने पर पहली कैबिनेट में बहाली की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। अब तो सरकार राजद और जदयू की बन चुकी है। अभ्यार्थियों ने कहा कि सातवें चरण के नियोजन के नोटिफिकेशन को लेकर सरकार गंभीर नहीं दिख रही है।
इसलिए बढ़ा आक्रोश
आपको बता दें कि बिहार में STET का आयोजन आठ साल बाद हुआ, जिसके बारे में नोटिफिकेशन 2019 में जारी किया गया था। जनवरी 2020 में ऑफलाइन मोड में परीक्षा भी आयोजित की गयी थी, लेकिन, दो-तीन सेंटरों पर फर्जीवाड़े की बात सामने आने के बाद उसे रद्द कर दिया गया। इसके बाद दोबारा इस परीक्षा का आयोजन सितंबर 2020 में किया गया. तब इसे ऑनलाइन मोड में किया गया।
दरअसल, बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने चुनाव के दौरान 10 लाख नौकरी का वादा किया था। लेकिन चुनाव में उनकी सरकार नहीं बनी। बिहार में एनडीए की सरकार बनी, तब से तेजस्वी यादव एनडीए की सरकार को नौकरी के मुद्दे पर लगातार घरते रहते थे। लेकिन इस बीच नीतीश कुमार ने भाजपा के गठबंधन तोड़कर राजद नेतृत्व वाले महागठबंधन में शामिल हो गये। बिहार एक बार फिर महागठबंधन की सरकार बन गयी।
सीएम नीतीश कुमार ने 15 अगस्त को ऐतिहासिक गांधी मैदान से 10 लाख नौकरी के अलावा 10 लाख और रोजगार देने का ऐलान किया था
इसमें नीतीश कुमार मुख्यामंत्री और तेजस्वी यादव डिप्टी सीएम बने। इसके बाद तेजस्वी को उनके पुराने वादे याद को याद करवाया जाने लाग। इन सभी के बीच बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवास पर ऐतिहासिक गांधी मैदान से 10 लाख नौकरी के अलावा 10 लाख और रोजगार देने का ऐलान कर दिया। सरकार के अन्य मंत्री भी लगातार दावे करने लगे कि बिहार में सरकार नौकरी की बयार कुछ दिनों में बहने लगेगी।
सरकार के इसी घोषणा को याद दिलवाने के लिए 22 अगस्त को शिक्षक अभ्यर्थी पटना की सड़कों पर उतरे। ये अभ्यर्थी पिछले कई महीने से नौकरी पाने के लिए प्रदर्शन के लिए मजबूर हैं। पिछली सरकार सिर्फ भरोसा ही देती रह गयी, लेकिन बहाली नहीं हो सकी। नयी सरकार बनने के बाद इन अभ्यर्थियों को आस जगी कि खली पदों पर नियुक्ति के लिए प्रक्रियां जल्द शुरू हो जाएगा।
लेकिन ऐसा नहीं होता देख 22 अगस्त को ये लोग पटना की सड़कों पर उतरे। यहां इन्हें नौकरी तो नहीं मिली, लेकिन उसकी जगह लाठियां अवश्य मिली। पटना एडीएम ने अभ्यर्थी पर बर्बरता पूर्वक लाठियां बरसाई। अभ्यर्थी हाथ में तिरंगा लिए सड़क पर लेटा हुआ था और एडीएम सिर से पैर तक लाठियां बरसा रहे थे। लहूलुहान होने के बाद भी क्रूर अधिकारी थम नहीं रहे थे। इससे सरकार की किरकिरी होने लगी है।
डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव सामने आए
पटना में शिक्षक अभ्यर्थियों के ऊपर लाठीचार्ज की घटना के बाद डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव सामने आए हैं। पटना के एडीएम द्वारा तिरंगे के अपमान और अभ्यर्थियों पर लाठीचार्ज की घटना को देखते हुए तस्वीरें मीडिया के सामने आकर बयान दिया है। तेजस्वी ने कहा है कि जो तस्वीरें सामने आई हैं वह बेहद दुखद है। इस मामले में उन्होंने पटना के डीएम से बात की है और तत्काल जांच टीम गठित कर दोषी अधिकारी के ऊपर एक्शन लेने को कहा।
इतना ही नहीं तेजस्वी यादव ने शिक्षक अभ्यर्थियों के प्रदर्शन पर भी अपनी प्रतिक्रिया दी। कहा कि जब शिक्षक अभ्यर्थी हर दिन मुझसे मुलाकात कर रहे हैं तो उन्हें सड़क पर उतरकर प्रदर्शन करने की जरूरत नहीं थी वह खुद रोजगार के हिमायती रहे हैं और रोजगार उनके एजेंडे में सबसे ऊपर है। लिहाजा थोड़े दिन धैर्य से काम लें। नियुक्ति की प्रक्रिया जल्द शुरू की जाएगी।
उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने पटना डीएम से फोन पर बातचीत की। DM ने पटना Central SP और DDC के नेतृत्व में एक जाँच कमेटी का गठन किया। यह पूछा कि ADM ने अभ्यर्थियों पर खुद लाठीचार्ज क्यों किया? ऐसी क्या नौबत थी? तेजस्वी ने कहा कि दोषी पाए जाने पर संबंधित अधिकारी पर कारवाई होगी।
नई सरकार में सुनवाई और कार्रवाई भी हो रही है
उपमुख्यमंत्री बनने के बाद तेजस्वी यादव पहली बार राजद प्रदेश कार्यालय पहुंचे थे। जहां बंद कमरे में राजद नेताओं के साथ मीटिंग की। बैठक में प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह, श्याम रजक समेत कई राजद नेता मौजूद हैं। पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से तेजस्वी ने मुलाकात की। जिसके बाद प्रेस को संबोधित करते हुए उपमुख्यमंत्री ने छात्रों पर हुए लाठीचार्ज पर कहा कि पटना डीएम से बातचीत हुई पूरे मामले को समझा और पूछा कि क्या कार्रवाई की जा रही है।
डीएम ने कहा कि जांच कमिटी बना दी गयी है। दोषी पाएं जाने पर कार्रवाई की जाएगी। कई अभ्यर्थी हमसे मिलने आ रहे है हम उनसे मिल भी रहे हैं। हम यही अपील करेंगे की थोड़ा धैर्य रखिए। 15 अगस्त को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ऐलान भी किया कि 20 लाख नौकरी और रोजगार दी जाएगी। इस दिशा में हमलोग काम भी कर रहे हैं। इसलिए थोड़ा संयम बरतें।
तेजस्वी ने कहा कि जहां भी पद रिक्त हैं उसे भरना है लेकिन थोड़ा इंतजार कीजिए। हम लगातार अभ्यर्थियों से मिल रहे हैं खुद अभ्यर्थी कल भी हमें भेट कर रहे हैं। आज पटना में जो घटना हुई वो नहीं होनी चाहिए थी। हम तो सब कुछ देंखे है जांच कमिटी बनी है इस मामले में जो भी दोषी होंगे उन पर कार्रवाई की जाएगी।
यदि हमलोग चिंतिंत नहीं होते तो पटना डीएम को फोन भी नहीं करते। हमलोग भाजपा के लोग थोड़े ही हैं जो सिर्फ जुमलेबाजी करे। नई सरकार में सुनवाई और कार्रवाई भी हो रही है। दो साल भाजपा के लोगों ने बिहार की स्थिति खराब कर दी। बिहार के छात्र-छात्राओं का भविष्य अंधकार में रख दिया। कुछ दिनों बाद इन छात्रों को गूड न्यूज भी मिलेगी।