भागलपुर से कहलगांव वाली NH 80 को ‘खराब सड़क’ के रूप में मुद्दा बनाकर फायदा लिया, समस्या अभी भी जस का तस
नेताजी ने खराब सड़क को मुद्दा बना कर चुनाव लड़ा और जीत मिल जाने से सड़क के दुर्दशा को सुधारने का वादा किया। केवल वादा सुन कर जनता ने नेताजी को जीत का तोहफा के साथ साथ ढेरों शुभकामनाएं दिया। फिर नेताजी ने सदन में खराब सड़क के लिए आवाज उठाई। एक बार फिर से शुभकामनाएं यहां भी मिल गई साथ में ढेर सारा धन्यवाद ज्ञापन भी !
केंद्रीय मंत्री जी द्वारा सड़क बनाने के 2 साल पुराने चुनावी घोषणा को फिर से दोहराया गया। फिर क्या था- नेताजी फिर से शुभकामनाएं बटोर लिए, साथ में जयकारा भी। डीपीआर तैयार हुआ। इसकी जानकारी देकर एक बार फिर से शुभकामनाएं ले लिए। साथ में आतिशबाज़ी और मिठाई भी। अब सड़क के लिए करोड़ों की राशि स्वीकृत हुई। फिर से शुभकामनाएं यहां भी मिल गई, साथ में वाहवाही भी।
संवेदक के टेंट/तंबू और सड़क बनाने वाली बड़ी मशीनों के फोटो के साथ नेता जी ने सोशल मीडिया पर फोटो डाल खूब बटोरी वाहवाही
टेंडर हुआ, अबकी बार तो थोक के भाव में शुभकामनाएं और जयकारा समेट लिए। संवेदक ने आकर अपना टेंट लगाया। फिर क्या था जनता ने उसी टेंट/तंबू और सड़क बनाने वाले बड़े-बड़े आधुनिक मशीनों के फोटो से साथ सोशल मीडिया पर नेता जी को जी भरकर शुभकामना संदेश दिया, खूब जय-जयकार भी लगाया गया।
सोचिए, जिस सड़क का निर्माण कार्य पूरा होना तो दूर अभी तक शुरू तक नहीं हो पाया है, उसके नाम पर ना जाने कितनी बार बधाई संदेश के साथ-साथ खुद की वाहवाही बटोर लिए, जयकारा लगवा लिए। अभी आगे वन विभाग द्वारा एनओसी मिलने पर
बिजली विभाग के एनओसी मिलने पर कार्य के शुभारंभ होने पर और सड़क निर्माण कार्य पूरा होने के उपरांत शुभकामनाएं लेना तो बाकी ही है।
इस विश्व प्रसिद्ध सड़क के लिए शुभकामनाएं तो बहुत मिल गई, लेकिन सड़क और जनता के शुभ दिन अभी तक नहीं आ पाए।
अब आगे जनता के किए जा रहे प्रयास को अपने लिए सड़क बनने तक एडवांस में एक बार फिर से ढेरों बधाईयों, भकामनाओं और धन्यवाद ज्ञापित करवाने का सिलसिला जारी रहेगा।