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कोई भी उद्यमी घर बैठे पोर्टल के वेबसाईट landconversion.bihar.gov.in पर जाकर ऑनलाइन आवेदन दे सकता है

लैंड कन्वर्जसेशन पोर्टल राज्य में औद्योगीकरण की प्रक्रिया को बढ़ावा देने के लिए राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। विभाग ने कृषि भूमि को गैर कृषि प्रयोजनों के लिए सम्परिवर्त्तन की पूरी प्रक्रिया को ऑनलाइन कर दिया है। इसके लिए एक पोर्टल को विकसित किया गया है। अब कोई भी उद्यमी घर बैठे पोर्टल के वेबसाईट landconversion.bihar.gov.in पर जाकर ऑनलाइन आवेदन दे सकता है और लैंड कनवर्जन प्रमाण पत्र को ऑनलाइन डाउन लोड भी कर सकता है।

इन्टरनेट बैंकिग, डेविट(रूपे), क्रेडिट कार्ड एवं UPI के माध्यम से भुगतान किया जा सकता है

कृषि भूमि का गैर कृषि प्रयोजनार्थ संपरिवर्त्तन का आदेश देने के लिए सक्षम प्राधिकार अनुमंडल पदाधिकारी को बनाया गया है, हालांकि इस कार्य के लिए भूमि सुधार उप समाहर्त्ता को सक्षम प्राधिकार बनाने पर भी विभाग विचार कर रहा है। भुगतान की प्रक्रिया को भी ऑनलाइन कर दिया गया है। अर्थात इन्टरनेट बैंकिग, डेविट(रूपे), क्रेडिट कार्ड एवं UPI के माध्यम से भुगतान किया जा सकता है। सम्परिवर्त्तन फीस अधिसूचित भूमि के बाजार मूल्य का 10 फीसदी तय है।

ऑनलाइन होने से निष्पक्षता एवं पारदर्शिता को बढ़ावा मिलेगा एवं उद्यमी वर्ग को सरकारी कार्यालयों का चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा

पूर्व में सक्षम प्राधिकार, स्वप्रेरणा से या अंचल अधिकारी द्वारा समर्पित प्रतिवेदन के आधार पर कार्रवाई की जाती थी। अब इस प्रक्रिया के ऑनलाइन होने से निष्पक्षता एवं पारदर्शिता को बढ़ावा मिलेगा एवं उद्यमी वर्ग को सरकारी कार्यालयों का चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा।

पूर्व की भाँति कतिपय मामलों में भूमि संपरिवर्त्तन में अनुमति की आवश्यकता नहीं होगी। छोटी दुकानों के लिए उपयोग में लायी जानेवाली 500 वर्गफीट से कम भूमि में संपरिवर्त्तन की आवश्यकता नहीं होगी। एक एकड़ से कम पारंपरिक पेशा से जुड़े सूक्ष्म गृह उद्योग के लिए भी यह आवश्यक नहीं होगा।

व्यथित व्यक्ति 60 दिनों के भीतर समाहर्त्ता के समक्ष अपील दायर कर सकेगा

बिहार कृषि भूमि (गैर कृषि प्रयोजनों के लिए सम्परिवर्त्तन) अधिनियम, 2010 के अनुसार अनुमंडल पदाधिकारी के आदेश से व्यथित व्यक्ति 60 दिनों के भीतर समाहर्त्ता के समक्ष अपील दायर कर सकेगा। साथ ही अपीलीय आदेश के विरूद्ध 30 दिनों के भीतर प्रमडलीय आयुक्त के समक्ष पुनरीक्षण वाद दायर करने का प्रावधान है।