जिस मीडिया का एग्जिट पोल देखकर लोग खुश हो रहे हैं, उस मीडिया का विश्व में 161 वां स्थान है
“अभी EVM प्रेगनेन्ट है। अगर नॉर्मल डिलिवरी हुई तो काँग्रेस और अगर ऑपरेशन हुआ तो … BJP.”
“कृपया एग्जिट पोल देखकर के मिठाई और पटाखे आर्डर ना करें, क्योंकि मंडप से सजी सजायी दुल्हन भी भाग जाती है।”
“जिस मीडिया का एग्जिट पोल देखकर लोग खुश हो रहे हैं, उस मीडिया का विश्व में 161 वां स्थान है। एग्जिट पोल को देखकर भ्रमित न हो।”
“एक्ज़िट पोल वाले वही पतलकार हैं जो नोटों में चिप बताते हैं।”
“EXIT POLLभाजपा के सुनियोजित साजिश है, ताकि गड़बड़ कर सके और देश के जनता समझे,EXIT POLL जो दिखाया वो सही है।”
“एक्जिट पोल काउंटिंग घोटाला के लिए चलाए जाते हैं। बुद्धिमान इसे चलाते हैं, मूर्ख चर्चा करते हैं और समझदार इसे इग्नोर करते हैं।”
“मीडिया इसी तरह झूठ परोसता रहा, तो जो कुछ लोग टीवी देखते हैं वह भी कुछ दिन बाद टीवी चैनल देखना बंद कर देगें।”
Exit_Poll ढोल की पोल
भोंपू मीडिया के एग्जिट पोल में अब तक इतनी पोलम-पोल सामने आ चुकी हैं कि इस पर कोई छोटी-मोटी किताब लिखी जा सकती है। एक दो बानगी देखिए…
राजस्थान में कुल हिसाब-किताब 110 फ़ीसदी हो गया है।
झारखंड में CPIM 1 सीट पर लड़ रही है, लेकिन जीत रही है 2 से 3 सीट पर।
बिहार में LJP में पोल वालों की ऐसी कृपा बरस रही है कि वो पार्टी 5 सीट पर मैदान में है लेकिन जीत मिलेगी 6 सीट पर।
हरियाणा में कुल लोकसभा सीटें हैं 10 लेकिन NDA गठबंधन 16 से 19 सीटें जीत रहा है।
एग्जिट पोल की जमीनी हकीकत
एग्जिट पोल के लाख दावों के बावजूद, एनडीए की बम्पर जीत नहीं लगती। ऐसे शेयर बाजार सोमवार को खूब चलेगा और अडानी के शेयर शुक्रवार से ही चलने लगे हैं, क्योंकि एग्जिट पोल को तीन-चार दिनों पहले ही संभवतः इरादतन लीक कर दिया गया था। खबरें चल रहीं हैं कि इसका प्रयोग चार तारीख के बाद दिख सकता है।
विपक्ष का कहना है कि ऐसा बम्पर एग्जिट मोदी मीडिया पोल है अर्थात दूसरे शब्दों में सरकारी एग्जिट पोल है। विपक्ष का कहना है कि ऐसा एग्जिट पोल चुनाव में संलग्न अधिकारियों और चुनाव आयोग को धमकाने की नीयत से किया गया है। खबरें चल रहीं हैं कि 50 हजार से 5 हजार के बीच के मतों के अंतर में फँसी हुईं 70 सीटें हैं और इन सीटों पर प्रशासनिक सहयोग से हेराफेरी की कोशिश हो सकती है। इसलिए विपक्ष सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के अनुसार पोस्टल बैलट की गिनती पहले करने की मांग कर रहा है। उसका कहना है कि प्रत्येक चरण के बाद हर दल को गिनती पर संतुष्ट होने के बाद ही अगले चरण की गिनती प्रारंभ की जाय।
दरअसल, एक्जिट पोल इसलिए भी किया जाता है ताकि चुनाव आयोग के खेल को सही ठहराया जा सके। अधिकारियों के जेहन में पक्षपात करने की बेबसी जगे क्योंकि उनके बीच माइंडसेट बने की सत्ता में वर्तमान सरकार लौट रही है और यह तो हिसाब करती है। ऐसा अपने काउंटिंग एजेंट और पार्टी कार्यकर्ताओं के मनोबल को बढ़ाने और विपक्षी के मनोबल तो तोड़ने की नीयत से भी होता है ताकि मतगणना के अंदर विपक्ष के हतोत्साहित एजेंट शिथिल होकर जिच से बचें।