अगर हिम्मत है तो शहीद सुजीत मेहता को पीछे से वार किए थे, मुझे सामने से गोली मारना
औरंगाबाद के चर्चित सुजीत मेहता हत्याकांड में हत्यारों के खिलाफ आवाज़ बुलंद करने के बदले में प्रशासन ने शिवपुजन मेहता के ऊपर ही मुकदमा दर्ज कर दी है। इसको लेकर कुशवाहा शिवपुजन मेहता ने सोशल मीडिया द्वारा एक बयान जारी किया है –
”पहली बात मैंने ना स्वर्ण जाति को गाली दिया और ना ही जातिवाद उन्माद फैलाने की कोशिश की है। मैं अपराधियों को गिरफ्तारी को लेकर आंदोलन किया। न्याय के लिए लड़ाई लड़ा। अपराधियों को सरंक्षण देने वाले के खिलाफ बोला। प्रशासन की एकतरफा कार्रवाई को लेकर आंदोलन किया, लड़ाई लड़ा।
अब मेरे ऊपर साजिश के तहत मुकदमा कराया गया ये लोकतंत्र की हत्या है। अपराधियों का कोई जाति नहीं होती! अगर गरीब, वंचित, शोषित के लिए आवाज उठाना गलत है, तो हां मैं गलत हूं। …और मैं ना किसी से डरता हूं ना कभी डरा हूं। अगर हिम्मत है तो शहीद सुजीत मेहता को पीछे से वार किए थे, मुझे सामने से गोली मारना। मैं गरीब, वंचित, शोषित के लिए मरने के लिए भी तैयार हूं।”
औरंगाबाद प्रशासन के समक्ष जनता लोकतांत्रिक तरीके से लड़ाई लड़ रही है
औरंगाबाद में एक जाति-विशेष पर अभद्र और अपमान जनक शब्दों का इस्तेमाल करने पर मौर्य शक्ति के राष्ट्रीय अध्यक्ष रवि मौर्य ने कहा है- ”शहीद सुजीत मेहता के हत्या के खिलाफ 12 अगस्त शाम 3 बजे औरंगाबाद गांधी मैदान में जुटान कर आक्रोश मार्च पूरे औरंगाबाद शहर में निकाला गया था।
शहीद सुजीत मेहता के हत्या के खिलाफ 10 अगस्त को रफीगंज शहर के RBR खेल मैदान में भी शांति पूर्ण विशाल आक्रोश मार्च निकाला गया था। इसके विपरीत, हाल ही में नवीनगर में एक जाति-विशेष के लोगों द्वारा अभियुक्तों के समर्थन ऐसा प्रदर्शन किया गया। भड़काऊ और विवादित भाषण दिए गए।
सुजीत कुशवाहा हत्याकांड में अभियुक्तों की गिरफ्तारी हेतु प्रदर्शन में औरंगाबाद एसपी को जातिवाद नजर आ रहा था, लेकिन अब अभियुक्त आकाश सिंह के समर्थन में जुलूस निकालकर किसी खास समुदाय को गाली देने वाले लोगों में औरंगाबाद एसपी को जातिवाद नजर नहीं आ रहा है।
प्रशासन को सुजीत के चाहने वालों के उन वीडियो को पूरा देखना चाहिए और अंदाजा लगाना चाहिए कि- वह भीड़ कोई पैसे से लाई गई भीड़ नहीं थी, बल्कि वह भीड़ न्याय चाहने वालों की थी। औरंगाबाद प्रशासन के समक्ष यह भीड़ लोकतांत्रिक तरीके से लड़ाई लड़ रही है। मगर नामजद अभियुक्त अभी भी पकड़ा नहीं गया है।
शिवपूजन मेहता ने ऐलान- ए-जंग किया अब जरूरत है कंधे से कंधे मिलाकर साथ चलने की
औरंगाबाद से सटे हुसैनाबाद के धरती पर इस जंग की शुरुआत पलामू लेनिन कुशवाहा शिवपुजन मेहता आरंभ किए थे। शहीद सुजीत मेहता के जाने के बाद शिवपूजन मेहता ने ऐलान- ए-जंग किया और सामंतवादियों को ललकारा। जरूरत है अब कंधे से कंधे मिलाकर साथ चलने की।
एकता का ही नतीजा था कि पूरे बिहार-झारखंड सहित कई अन्य कई में बाइक रैली व कैंडल मार्च निकालकर शहीद सुजीत मेहता को श्रद्धांजलि देते हुए इस जंग में हजारों नौजवान उतर गए। इस लड़ाई को और मजबूत बनाने के लिए हमें जाति धर्म क्षेत्र से ऊपर उठकर आगे आना होगा और तब तक पीछे नहीं हटना होगा, जबतक अपराधी अंजाम तक नहीं पहुंच जाय।”
सुजीत मेहता हत्याकांड के मुख्य अभियुक्त की गिरफ्तारी नहीं होने से कुशवाहा जाति के युवा आक्रोशित हैं
विदित हो कि, सत्ताधारी दल जदयू में कुशवाहा समाज के बड़े-बड़े नेता भरे पड़े हैं। मंत्री, सांसद, विधायक सभी हैं। नीतीश कुमार के पास गृह मंत्रालय भी है फिर भी सुजीत मेहता हत्याकांड का मुख्य अभियुक्त बैखौफ घुम रहा है। इतने नेता होने के बावजूद भी गिरफ्तारी के लिए आवाज नहीं उठा रहे हैं, सरकार पर दबाव नहीं बना रहे हैं। इस पर कुशवाहा जाति के युवा आक्रोशित हैं।
उपेन्द्र कुशवाहा, महाबली सिंह, जयंतराज, भगवान सिंह कुशवाहा, डा० अजीत कुशवाहा, अरूण कुमार, फतेहबहादुर सिंह, महानंद प्रसाद जैसे मंत्री विधायक/सांसद के बाद भी नामजद अभियुक्त आकाश सिंह की गिरफ्तारी नहीं हो पाना, इन सभी के मुँह पर तमाचा है। ऐसा कुशवाहा जाति के नौजवानों का मानना है।