गजवा ए हिंद का मंसूबा और 2023 में डायरेक्ट जिहाद’ को लेकर पुलिस के सनसनीखेज खुलासे पर प्रतिक्रिया देते हुए इस्लामिक स्कॉलर रिजवान अहमद ने कहा कि वे तारेक फतेह के ‘गजवा-ए-हिंद’ की थ्योरी से इत्तेफाक नहीं रखते हैं।
इंडिया टीवी पर डिबेट के दौरान, रिजवान अहमद ने कहा, “गजवा-ए-हिंद 50 प्रतिशत पूरा हो चुका है, अफगानिस्तान से लेकर इंडोनेशिया तक, अगर श्रीलंका और नेपाल मैं हटा दूं तो लगभग 70 लाख वर्ग किमी का ये एरिया है। इसमें साढ़े छह अफगानिस्तान, साढ़े आठ पाकिस्तान, दो निकल गया बाग्लादेश का और 19 निकल गए इंडोनेशिया के… ये पुराने केवल एक हजार साल की बात कर रहा हूं।”
रिजवान अहमद ने कहा, “अब भारत के पास कितना बचा 33 लाख वर्ग किमी… ये आज की तारीख में है। तो 52 फीसदी गजवा-ए-हिंद तो हो गया। ये लोग चक्कर में क्यों पड़े हैं कि कब होगा। तरीके बदलते रहते हैं लेकिन ‘गजवा-ए-हिंद’ एक हजार साल से जारी है और अब इसका तरीका बदलेगा। अब आने वाले वक्त में पॉलिटिकल बैलेट की लड़ाई होगी।’
ज्यादा अतीत में न जायें तो भी 1857 की क्रांति के बाद अंग्रेज प्रशासनिक अफसर जब कलकत्ता के अपने दफ़्तर में बैठते थे तो प्रोटोकॉल के अनुसार उनके पीछे की दीवार पर उस भारत का मानचित्र लगा होता था जिसे वो “इंडिया” कहकर पुकारते थे।
आपको जानकर आश्चर्य होगा कि उस नक़्शे के अनुसार 1857 की क्रांति के समय भारत का क्षेत्रफल था लगभग 83 लाख वर्ग किलोमीटर जो आज घटकर मात्र लगभग 33 लाख वर्ग-किलोमीटर रह गया है। यानि 1857 के बाद हमने अपनी भारतभूमि का लगभग पचास लाख वर्ग किलोमीटर भूभाग गँवा दिया।