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तेज बारिश के बावजूद ‘इंकलाबी छात्र’ के बैनर तले अनिश्चितकालीन आंदोलन के दूसरे दिन भी डटे स्नातक के छात्र

अनिश्चितकालीन आंदोलन के दूसरे दिन भी अपनी मांगों को लेकर डटे रहे छात्र। दूसरे दिन सुबह की तेज बारिश भी आंदोलनकारी छात्रों के हौसले को नहीं डिगा सकी। पटना सहित मगध के विभिन्न जिलों से स्नातक के छात्रों ने इस दिन आंदोलन में भाग लिया और बुलन्द नारों के साथ सभा को सम्बोधित किया।

जब बेटियों को उच्च शिक्षा के परीक्षाफल नहीं दे पा रहे तो ‘बेटी पढ़ाओ, बेटी बचाओं’ के नारा सिर्फ छलावा है- सोनोमी भट्टाचार्य

पटना की छात्रा सोनोमी भष्टाचार्य ने कहा कि- ”हमलोगों की सब्र की बांध टूट चुकी है। शिक्षा मंत्री से लेकर राजभवन के दरवाजे तक हमलोग अपना उपस्थिति दर्ज करवा चुके हैं, लेकिन अभी तक संज्ञान नहीं लिया गया है। शिक्षा मंत्री हम लड़कियों को आवाज नीचे कर बात करने को कहते हैं। जबकि नीतीश कुमार बेटियों के सम्मान में ऊंची-ऊंची सिर्फ बातें करते हैं। जब सरकार और विश्वविद्यालय प्रशासन हम बेटियों को डिग्री और परीक्षाफल नहीं दे सकता तो कहा जा सकता है कि ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ के नारा सिर्फ छलावा है।”

सामाजिक नेता और विश्वविद्यालय के शोधार्थी भागवत शर्मा ने कहा कि- ”आज हमारे विश्वविद्यालय की पहचान सिर्फ भष्ट विश्वविद्यालय के रूप में नहीं वरन परीक्षा परिणाम ससमय पर न देने वाले संस्था के नाम पर कर रहे हैं। विश्वविद्यालय छात्रों के लिये होते हैं लेकिन छात्र हित को नजरअंदाज किया जा रहा है।” वही शोधार्थी ब्रजेश कुमार सिंह ने कहा कि- ”शिक्षक, छात्र और कर्मचारी सभी लोगों को उनके कर्तव्य को छोड़ आंदोलन करने को सड़कों पर लाकर खड़ा कर दिया गया है।”

किसी पदाधिकारी ने नहीं लिया खोज-ख़बर

समाचार प्रकाशन तक किसी वरीय अधिकारियों को सूचना नहीं है। आईसा छात्र नेता शोधार्थी कुणाल किशोर ने कहा कि- ”विश्वविद्यालय के ऐसी कठोर व्यवहार से छात्रों में और अधिक असंतोष पैदा किया जा रहा है। अतिशीघ्र विश्वविद्यालय प्रशासन को संज्ञान लेकर आंदोलन में बैठे छात्रों की मांग को पूर्ण करें।” छात्र नेता अशोक कुमार यादव ने कहा कि- ”हमलोगों को संज्ञान लेने वाला कोई नहीं है। क्या छात्र और छात्र हित मे प्रशासन संज्ञान नहीं ले सकती है। अगर प्रशासन जल्द से जल्द संज्ञान नही लेता है तो आंदोलन निरन्तर तेज होती रहेगी।”

कार्यक्रम का संचालन संयुक्त रूप से दीपक कुमार दांगी एवं कमलेश कुमार ने किया। पटना, नवादा, औरंगाबाद, जहानाबाद, नालंदा के छात्रों के साथ रोहित कुमार, मनीष कुमार, विकास रंजन, रविन्द्र कुमार उर्फ चौरसिया, राहुल प्रताप, पंकज टेक्निकल, चन्द्रशेखर रवि, नीरज कुमार, राजू उरांव, कुमार गौरव, राकेश पांडे, मनीष मिश्रा, हिंदी शोधार्थी रीता कुमारी, सोनोमी भट्टाचार्ज, अंशु कुमारी, निधि गुप्ता, श्रुति कुमारी, अनीशा कुमारी, मनीष कुमार सूर्या, सौरव कुमार सिंह के साथ सैकड़ों छात्रों की उपस्थिति रही।