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अब चुने हुए मुख्यमंत्रियों की गिरफ्तारी भी आम बात हो गई है

मीडिया समेत सभी संस्थाओं पर कब्ज़ा, पार्टियों को तोड़ना, कंपनियों से हफ्ता वसूली, मुख्य विपक्षी दल का अकाउंट फ्रीज़ करना भी ‘असुरी शक्ति’ के लिए कम था, तो अब चुने हुए मुख्यमंत्रियों की गिरफ्तारी भी आम बात हो गई है। जनता इसका मुंहतोड़ जवाब देगी। अरविंद केजरीवाल गिरफ़्तार कर लिए गए हैं। ED की टीम उनके घर समन देने गई और गिरफ़्तार करके लौटी। 21 मार्च का दिन और इसकी शाम कैसी थी?

स्टेट बैंक ने चुनावी चंदे का जो डिटेल दिया है उसकी खबरें इस गिरफ्तारी की आंधी में उड़ जाएंगी

एक पार्टी का खाता ज़ब्त है, एक राज्य का मुख्यमंत्री गिरफ़्तार हुआ है। मौजूदा देश की सरकार आपको आपातकाल की याद दिलाती है, आप भी ग़ज़ब है, भारत के लोकतंत्र पर जो काल नाच रहा है, वो नाच देख कर भी नहीं देख रहे हैं। रात लंबी हो सकती है, केजरीवाल जेल में हो सकते हैं, स्टेट बैंक ने चुनावी चंदे का जो डिटेल दिया है उसकी खबरें इस गिरफ्तारी की आंधी में उड़ जाएंगी।

इलेक्टोरल बॉन्ड के खुलासों के बाद इस शराब नीति मामले में जो एक महत्वपूर्ण खुलासा हुआ है

अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी दिल्ली शराब नीति मामले में हुई है। आरोप है कि साऊथ ग्रुप ने केजरीवाल सरकार से अपने मनोनुकूल शराब नीति बनवाई और बदले में सौ करोड़ रुपए दिए। मनीष सिसोदिया और संजय सिंह इस मामले में पिछले साल से ही जेल में हैं। लेकिन इलेक्टोरल बॉन्ड के खुलासों के बाद इस शराब नीति मामले में जो एक महत्वपूर्ण खुलासा हुआ है, वह तो आश्चर्यजनक है और असली खिलाड़ी की ओर स्पष्ट संकेत करता है।

दिलचस्प है कि गिरफ्तारी के पांच दिन बाद ही शरथ रेड्डी की कंपनी अरविंदो फार्मा ने 5 करोड़ के इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदे और भाजपा को पहुंचा दिया

इस मामले में ईडी ने इस घोटाले से जुड़े होने का हवाला देते हुए हैदराबाद के बड़े बिजनेसमैन और अरविंदो फार्मा के डायरेक्टर शरथ रेड्डी को 10 नवंबर 2022 को गिरफ्तार किया था। रेड्डी पर आरोप है कि मनोनुकूल शराब नीति के लिए उसने मनीष सिसोदिया को करोड़ों रुपए दिए। दिलचस्प है कि अपनी गिरफ्तारी के पांच दिन बाद ही 15 नवंबर को शरथ रेड्डी की कंपनी अरविंदो फार्मा ने 5 करोड़ के इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदे और भाजपा को पहुंचा दिया। भाजपा ने इसे छ: दिन बाद 21 नवंबर 2022 को भुना लिया।

इसके बाद का घटनाक्रम और दिलचस्प है। ईडी को आपत्ति नहीं हुई और मई 2023 में शरथ रेड्डी जमानत पर बाहर आ गया। कुछ ही दिनों बाद जून 2023 में वह दिल्ली शराब नीति मामले में सरकारी गवाह बन गया। पांच महीने बाद नवंबर 2023 में उसकी कंपनी अरविंदो फार्मा ने 25 करोड़ के इलेक्टोरल बॉन्ड खरीद कर फिर भाजपा को पहुंचा दिया। भाजपा ने इसे सहर्ष स्वीकार कर लिया।

अभी दस्तावेजी सबूत के साथ यह तो साबित हो रहा है कि गिरफ्तार होने के बाद शरथ रेड्डी ने भाजपा को मोटा चंदा दिया

गौरतलब है कि अरविंदो फार्मा ने आम आदमी पार्टी को कभी कोई इलेक्टोरल बॉन्ड नहीं दिया। अब यह तो आगे पता चलेगा कि शरथ रेड्डी ने अरविंद केजरीवाल की पार्टी को पैसे दिए या नहीं। लेकिन अभी दस्तावेजी सबूत के साथ यह तो साबित हो ही गया है कि गिरफ्तार होने के बाद उसने भाजपा को मोटा चंदा दिया। अब सवाल उठता है कि लाभार्थी कौन है?