बड़े बजट आकार वाले 10 डिपार्टमेंट कौन-कौन हैं—
नीतीश सरकार ने वित्तीय वर्ष 2024-25 का वार्षिक बजट पेश किया है। डिप्टी सीएम सह वित्त मंत्री सम्राट चौधरी ने आगामी वित्तीय वर्ष के लिए विधानमंडल के दोनों सदनों में बजट पेश किया। इस बार बजट का आकार 278725-72 करोड़ का है। इस बार का बजट आकार पिछली बार से 16840-32 करोड़ रू अधिक है।
वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए 261885-40 करोड़ का बजट पेश किया गया था। इस बार के बजट में सबसे अधिक शिक्षा विभाग को राशि अलॉट किया गया है। शिक्षा पर कुल बजट का 22-20 फीसदी राशि खर्च की जानी है।
»2 लाऽ 78 हजार करोड़ रुपये का बजट पेश किया गया। जीएसटी वसूली में 95 फीसदी लक्ष्य पूरा किया गया। साल 2024-25 तक बिजली उत्पादन में नवीकरण ऊर्जा से 35 फीसदी बिजली उत्पादन का लक्ष्य। नीतीश सरकार ने परिवहन और संचार विभाग का बजट बढ़ाकर 46 हजार 729 करोड़ रुपये कर दिया है।
सात निश्चय 2 के लिए 5 हजार 40 करोड़ रुपये
» इलेक्ट्रिक व्हील पॉलिसी 2023 लागू करके पर्यावरण सुरक्षा सुनिश्चित की गई। उद्देश्य है बिहार को इलेक्ट्रिक व्हिकल ट्रांसपोर्ट इको सिस्टम में एक मॉडल राज्य की तरह स्थापित किया जाए। इस नीति के अंतर्गत 10 हजार वाहनों के लिए हर दोपहिया वाहन पर 5 हजार किलोवॉट अधिकतम 10 हजार रुपये, पहले एक हजार वाहनों के लिए हर चार पहिया वाहन यात्री पर 10 हजार रुपया प्रति किलोवॉट सामान्य श्रेणी के लिए 1.25 लाख रुपया और बजट के लिए 1.5 लाख रुपये की क्रय सब्सिडी दी जाती है।
किस विभाग को मिली कितनी राशि
शिक्षा का बजट 22200-35 करोड़ रू है जो कुल बजट का 22-20 फीसदी है
ग्रामीण विकास विभाग का बजट 13840 करोड़ रू जो कुल बजट का 13-84 फीसदी है
समाज कल्याण विभाग का 8191-79 करोड़ 8-19 फीसदी
स्वास्थ्य विभाग- 7117-56 करोड़ 7-12 फीसदी
नगर विकास विभाग 6066-17 करोड़ 6-07 फीसदी
पथ निर्माण विभाग-4194 करोड़, 4-19 फीसदी
जल संसाधन विभाग- 3232-63 करोड़ 3-23 फीसदी
कृषि विभाग- 2782 करोड़ 2-78 फीसदी
पिछड़ा अति पिछड़ा विभाग -1878-53 करोड़ 1-88 फीसदी
वहीं अन्य विभागों का कुल बजट 23087 करोड़ है जो कुल बजट का 23-09 फीसदी राशि है।
आईटी पॉलिसी 2024 लागू
»बिहार में आईटी कंपनियों को निवेश के लिए आकर्षित करने के लिए वित्त मंत्री बिहार आईटी पॉलिसी 2024 लागू की गई। यह नीति 5 वर्षों तक लागू रहेगी। इसका उद्देश्य आईटी क्षेत्र में युवाओं के लिए लाभकारी योजना के अवसर सृजन करना, इसके रोजगार क्षमता को बढ़ाना और स्थायी कौशल प्रतिक्रिया तंत्र विकसित करना है।
»नीतीश सरकार ने परिवहन और संचार विभाग का बजट बढ़ाकर 46 हजार 729 करोड़ कर दिया है। इसके साथ ही राज्य के सकल घरेलू उत्पाद में डेढ़ गुना इजाफा हुआ है। वहीं, बिहार की विकास दर 10 फीसदी के पार पहुंच गई है। राज्य में मातृ मृत्यु दर में 27 फीसदी तक की गिरावट दर्ज की गई है, जो बीते सालों से अधिक है।
बजट के प्रमुख बिंदु
बजट: 278725-72 करोड़
योजना मद: 100019-63 करोड़
गैर योजना मद: 178706-09 करोड़
वेतन में: 71816-82 करोड़
पेंशन में: 31796-13 करोड़
ब्याज भुगतान: 20526-19 करोड़
केंद्र से प्राप्त करों में हिस्सा: 113011-92 करोड़
केंद्र से प्राप्त सहायक अनुदान: 52160-60 करोड़
राजस्व प्राप्ति: 226798-40 करोड़
राज्य का कर राजस्व: 54300 करोड़
गैर कर राजस्व: 7325-86 करोड़
पर्यटन क्षेत्र पर विशेष फोकस
वित्त मंत्री ने कहा कि पर्यटन के लिए 10 करोड़ रुपये तक के निवेश पर 30 फीसदी तक की सब्सिडी, अधिकतम सीमा – 3 करोड़, 50 करोड़ और उससे अधिक के निवेश पर 25 प्रतिशत की। इसके साथ-साथ सब्सिडी प्रतिदिन 10 करोड़ से ऊपर अधिकतम 10 करोड़ का था, 25 करोड़ का प्रावधान किया गया।
इलेक्ट्रिकल व्हीकल पॉलिसी लागू की गई। वित्तीय संतुलन का पूरा ख्याल रखा गया है। सौर ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा, 2.21 लाख करोड़ रुपये का ऋण बांटा गया।
किसानों के लिए बड़ा ऐलान
बिहार के वित्त मंत्री ने कहा कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुधारने के लिए राज्य सरकार ने चतुर कृषि रोडमैप तैयार किया है। इसके तहत 2028 तक कृषि एवं सावर्ती क्षेत्र में लगभग 1.2 लाख करोड़ रुपये का व्यय का लक्ष्य रखा।