30 सितंबर 2023 तक बैंक से बदलवा सकेंगे
देश की अर्थव्यवस्था को चौपट कर के रख दिया इस 2000 के नोट ने। …लेकिन अब सरकार जागी है। इससे कुछ होने वाला नहीं है। देश की अर्थव्यवस्था सुधारने के लिए बहुत कठोर कदम उठाने पड़ेंगे , जो सरकार कभी नहीं उठा सकती। आरबीआई ने कहा है कि यह नोट 30 सितंबर तक कानूनी रूप से वैध रहेंगे। 30 सितंबर 2023 के बाद से 2000 के नोट लीगल टेंडर नहीं रहेंगे।
जो जाली नोट जब्त किए गए हैं उसमें सबसे ज्यादा 2000 रुपये के नोट हैं
आरबीआई ने 2000 रुपये के नोट को चलन से वापस लेने की घोषणा की है। भारतीय रिजर्व बैंक ने बैंकों को सलाह दी है कि वे तत्काल प्रभाव से 2000 रुपये मूल्यवर्ग के बैंकनोट जारी करना बंद करें। हालांकि 2000 रुपये मूल्यवर्ग के बैंक नोट वैध मुद्रा बने रहेंगे। जानकारी के मुताबिक, क्लीन नोट पॉलिसी के तहत आरबीआई ने यह फैसला लिया है।
कुल जाली जब्त नोटों में 60 फीसदी नोट 2,000 रुपये के थे
हाल ही में एनसीआरबी ने जो डाटा जारी किया उसके मुताबिक, 2021 में जितने जाली नोट सीज किए गए उसमें से 60 फीसदी 2,000 रुपये के नोट थे। आपको बता दें 2016 में 500 और 1000 रुपये पुराने नोट पर जब नोटबंदी के बाद वापस ले लिया गया जब 2,000 रुपये और 500 रुपये नए नोट जारी किए गए थे। जब सरकार ने कहा था कि नोटबंदी का बड़ा मकसद फेक करेंसी को खत्म करना है।
2016 में जहां 15.92 जाली नोट सीज किए गए थे 2021 में 20.39 करोड़ रुपये के जाली नोट पकड़े गए थे
एनसीआरबी (National Crime Records Bureau) के मुताबिक, 2021 में कुल 20.39 करोड़ रुपये के जाली नोट जब्त किया गया था जिसमें से 12.18 करोड़ रुपये के बराबर जाली नोट 2000 रुपये वाले थे यानि कुल जब्त नोटों में 60 फीसदी नोट 2,000 रुपये के थे। एनसीआरबी के मुताबिक, जाली नोट का सीजर 2016 के मुकाबले बढ़ा है। 2016 में जहां 15.92 जाली नोट सीज किए गए थे। वहीं, 2017 में 28.10 करोड़, 2019 में 17.95 करोड़, 2020 में 92.17 करोड़ रुपये और 2021 में 20.39 करोड़ रुपये के जाली नोट पकड़े गए थे।
फेक करेंसी को खत्म करने का मकसद विफ़ल
देश में 2,000 रुपये के नोट के सर्कुलेशन में भारी कमी आई है। आरबीआई (RBI) ने साल 2021-22 के लिए अपना सलाना रिपोर्ट ( RBI Annual Report) जारी किया जिसमें आरबीआई ने कहा कि 2020-21 में कुल करेंसी सर्कुलेशन ( Currency In Circulation) में 2,000 रुपये को नोटों की हिस्सेदारी 17.3 फीसदी थी वो घटकर अब 13.8 फीसदी रह गई है।
2,000 रुपये के नोटों की संख्या 2019-20 में 2.4 फीसदी था 2021-22 में 1.6 फीसदी रह गई
आरबीआई के रिपोर्ट के मुताबिक, 2019-20 में 5,47,952 रुपये वैल्यू के 273.98 करोड़ 2,000 रुपये के नोट की संख्या सर्कुलेशन में थी, जिसकी कुल नोटों की सर्कुलेशन में 22.6 फीसदी हिस्सेदारी थी। वो 2020-21 में घटकर 4,90,195 करोड़ रुपये वैल्यू की रह गई जिसकी संख्या 245.10 करो़ड थी। लेकिन 2021-22 में कुल करेंसी के सर्कुलेशन में 2,000 रुपये के नोटों की संख्या और कम होकर 214.20 करोड़ रह गया जिसका वैल्यू 4,28,394 करोड़ रुपये है। अब कुल नोटों के सर्कुलेशन में 2,000 रुपये के नोटों की संख्या 2021-22 में 1.6 फीसदी रह गई है जो 2020-21 में 2 फीसदी और 2019-20 में 2.4 फीसदी था।