प्रशांत किशोर बीजेपी एवं आर एस एस के एजेंट के रूप में कार्य कर रहे हैं
राष्ट्रीय जनता दल के प्रदेश महासचिव भाई अरुण कुमार ने कहा कि- ”प्रशांत किशोर जिस प्रकार से माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री श्री तेजस्वी प्रसाद यादव को टारगेट करके बयान दे रहे हैं, उससे लगता है कि प्रशांत किशोर बीजेपी एवं आर एस एस के एजेंट के रूप में कार्य कर रहे हैं क्योंकि सबसे पहले प्रशांत किशोर का संबंध माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी से ही था।
प्रशांत किशोर को अघोषित आपातकाल, बढ़ती हुई महंगाई, बेरोजगारी नजर नहीं आ रहा
जब से महागठबंधन की सरकार बनी है, तबसे प्रशांत किशोर अपने पदयात्रा में माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एवं उपमुख्यमंत्री श्री तेजस्वी प्रसाद यादव को टारगेट कर रहे हैं। प्रशांत किशोर को देश में अघोषित आपातकाल नजर नहीं आ रहा। उन्हें देश में बढ़ती हुई महंगाई का भी एहसास नहीं है। प्रशांत किशोर को देश में बेरोजगारी नहीं दिख रही है। जिस प्रकार उनके बारे में खुलासे हो रहे हैं, उससे तो लगता है कि प्रशांत किशोर अपनी निजी महत्वाकांक्षा के कारण भारतीय जनता पार्टी से हाथ मिला कर काम कर रहे हैं।
पिछले कई दिनों से चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर और बिहार के सीएम नीतीश कुमार के बीच आरोप-प्रत्यारोप चल रहे हैं। शनिवार को नीतीश कुमार ने कहा था कि- ”प्रशांत किशोर ने उन्हें जदयू के कांग्रेस में विलय की सलाह दी थी।” अब प्रशांत किशोर ने जवाब देते हुए नीतीश कुमार को ‘भ्रमित’ कहा है।
पीके बताएँ कि एक विधायक या सांसद की संविधान ने कौन-सी योग्यता निर्धारित की है? स्मृति ईरानी या प्रधानमंत्री मोदी की डिग्री कितनी है?
इसके ठीक पहले, प्रशांत किशोर उप मुख्यमंत्री तेजस्वी के बारे में तंज कसे थे कि- ”नौंवी कक्षा पास को चपरासी की नौकरी नहीं मिलती, वे उप मुख्यमंत्री बने हुए हैं।” पीके बताएँ कि एक विधायक या सांसद की संविधान ने कौन-सी योग्यता निर्धारित की है? क्या उसमें लिखा है कि विधायक या सांसद को बीए या एमए पास होना चाहिए? स्मृति ईरानी या प्रधानमंत्री मोदी की डिग्री कितनी है? क्या प्रशांत किशोर ने कभी उनसे पूछा?
उनको हिम्मत नहीं है कि वे उनसे पूछ लें। सब राजनीति उनकी हवा-हवाई हो जायेगी। जब स्मृति ईरानी को शिक्षा मंत्री बनाया गया था, तब डिग्री को लेकर सवाल उठे थे। उस वक्त स्मृति ईरानी की डिग्री को लेकर सवाल नहीं करना चाहिए? भारतीय लोकतंत्र में हर नागरिक, सांसद या विधायक का चुनाव लड़ सकता है। जो सांसद बनेगा, वह मंत्री भी बन सकता है।
प्रशांत किशोर वही बातें बोल रहे हैं जिसकी चर्चा हो सके ताकि उनकी यात्रा को लोग नोटिस करें
प्रशांत किशोर संविधान विरोधी बात कह रहे हैं, इसलिए इनका विरोध तो होना ही चाहिए। किसी विधायक, मंत्री, उप मुख्यमंत्री या मुख्यमंत्री-प्रधानमंत्री के कार्यों की आलोचना हो सकती है, डिग्री को लेकर तंज कसना सर्वथा गलत है। प्रशांत किशोर जानते हैं कि वो गलत बोल रहे हैं, लेकिन वो वही बातें बोल रहे हैं जिसकी चर्चा हो सके ताकि उनकी यात्रा को लोग नोटिस करें।
पीके बीजेपी के इशारे पर काम कर रहे हैं। अभी बिहार में उनकी यात्रा का मकसद सुर्खिया बटोरना है जिसमें वो फिलहाल सफल होते दिखाई नहीं देते। प्रशांत किशोर को जितना जल्दी हो सके बीजेपी में शामिल हो जाना चाहिए। जो सुर्खियां पीके को चाहिए और मिल नहीं रही। ”