पोर्टल में जमीन से जुड़ी सेवाओं के अतिरिक्त जमीन से संबंधित सारी जानकारी एक ही जगह पर इकठ्ठा मिलेंगी
बिहार में एकीकृत भू-अभिलेख प्रबंधन प्रणाली अगले कुछ महीनों में काम करने लगेगी। इसमें राज्य के नागरिकों को दी जा रही भूमि संबंधी सभी ऑनलाइन सुविधाओं को एक जगह कर दिया जाएगा और उसमें कुछ नई सेवाओं को भी जोड़ा जाएगा। भविष्य में शुरू होने वाली जमीन से संबंधित सभी सेवाएं भी इसी प्रबंधन प्रणाली के तहत उपलब्ध कराई जाएंगी। इस प्रणाली या पोर्टल में जमीन से जुड़ी सेवाओं के अतिरिक्त जमीन से संबंधित सारी जानकारी भी एक ही जगह पर इकठ्ठा मिलने लगेंगी।
इस व्यवस्था को विशेष सर्वेक्षण एवं बंदोबस्त पूर्ण ग्रामों से प्रारंभ किया जाएगा
जमीन से संबंधित सभी सुविधाओं यथा- दाखिल-खारिज एवं अन्य ऑनलाईन सेवाएँ को एकीकृत एवं सहज बनाने के उद्देश्य से Integrated Land Records Management System विकसित किया जायेगा, जो बैंकिग सेवाओं के तर्ज पर Aadhar Linked एवं Secure Transaction पर आधारित होगा। इसके अन्तर्गत सबसे महत्वपूर्ण सेवा होगी Spatial Mutation की सुविधा। पूर्व से किए जा रहे जमाबंदी अद्यतीकरण के साथ-साथ नई व्यवस्था के तहत मानचित्रों के अद्यतीकरण की प्रक्रिया प्रत्येक दाखिल-खारिज के बाद की जाएगी। इस व्यवस्था को विशेष सर्वेक्षण एवं बंदोबस्त पूर्ण ग्रामों से प्रारंभ किया जाएगा।
एकीकृत पोर्टल द्वारा रैयतों का ऑनलाइन भू-लगान भुगतान, ऑनलाइन जमाबंदी अद्यतीकरण, ऑनलाइन दखल-कब्जा प्रमाण पत्र, राजस्व अभिलेखों को डाउनलोड एवं ऑनलाइन भू-मापी की सुविधा होगी
उक्त के अतिरिक्त कुछ अन्य महत्वपूर्ण सेवाएं जो इस एकीकृत पोर्टल के माध्यम से रैयतों का दी जाएंगी वो हैं- ऑनलाइन भू-लगान भुगतान की सुविधा, ऑनलाइन जमाबंदी अद्यतीकरण, आधार सीडिंग, ऑनलाइन दखल-कब्जा प्रमाण पत्र, सभी राजस्व अभिलेखों को ऑनलाइन देखने एवं डाउनलोड करने की सुविधा, ऑनलाइन Encumbrances की पंजी (मॉर्गेज, कोर्ट केस, भू-अर्जन की कार्यवाही एवं अन्य वैधानिक आदेश), ऑनलाइन गैर कृषि प्रयोजनों के लिए सम्परिवर्तन कराने की सुविधा, ऑनलाइन भू-मापी कराने की सुविधा, निबंधन विभाग से संबद्धता एवं आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के द्वारा अन्य विभागों से संबद्धता आदि
सॉफ्टवेयर आई0आई0टी0 रूड़की द्वारा विकसित होगा जिसपर 16.50 करोड़ रूपये का भुगतान बिहार सरकार करेगी
बिहार सरकार ने इस सॉफ्टवेयर को विकसित करने का जिम्मा आई0आई0टी0, रूड़की को सौंपा है। एकीकृत भू-अभिलेख प्रबंधन प्रणाली विकसित एवं कार्यान्वित करने के लिए आई0आई0टी0, रूड़की के सिविल इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर और मुख्य शोधकर्त्ता, डॉ0 कमल जैन के साथ भू-अभिलेख एवं परिमाप निदेशालय ने पिछले सप्ताह एक करार पर हस्ताक्षर किया है। बिहार सरकार इस सेवा के बदले आई0आई0टी0, रूड़की को लगभग 16.50 करोड़ रूपये का भुगतान करेगी।
‘इंटीग्रेटेड लैंड रिकॉर्ड्स मैनेजमेंट सिस्टम’ का क्रियान्वयन किया जाना है
एकीकृत भू-अभिलेख प्रबंधन प्रणाली का क्रियान्वयन, बिहार भू-अभिलेख प्रबंधन सोसाइटी द्वारा किया जाएगा, जिसके गठन की प्रक्रिया चल रही है। यह निबंधन विभाग के SCORE की तर्ज पर काम करेगा। तृतीय कृषि रोड मैप की कालावधि में सोसाइटी के गठन एवं ‘इंटीग्रेटेड लैंड रिकॉर्ड्स मैनेजमेंट सिस्टम’ का क्रियान्वयन किया जाना है।
माननीय मंत्री राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग, आलोक कुमार मेहता ने कहा कि इस पोर्टल के बन जाने से किसानों और रैयतों को बहुत सुविधा होगी। जमीन से संबंधित सारी जानकारी और सेवाएं एक जगह और इकठ्ठा मिलने लगेगी। इससे व्यवस्था में पारदर्शिता एवं जवाबदेही सुनिश्चित होगी।