.उजियारपुर सीट राज्य की हॉट सीटों में एक मानी जाती है
बिहार में 40 लोकसभा सीटें हैं, इनमें उजियारपुर सीट राज्य की हॉट सीटों में एक मानी जाती है। यह क्षेत्र जननायक कर्पूरी ठाकुर की जन्मभूमि एवं कर्मभूमि रही। लेकिन, वे यहां से नहीं जीत पाए। उजियारपुर लोकसभा क्षेत्र समस्तीपुर जिले के अंतर्गत आता है। 2008 में परिसीमन हुआ तो उजियारपुर अलग लोकसभा क्षेत्र बना।
इस लोकसभा क्षेत्र में 6 विधानसभा क्षेत्रों को समाहित किया गया है। उजियारपुर विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र भी है। विधानसभा क्षेत्र और डेमोग्राफी यह छह विधानसभा क्षेत्रों उजियारपुर, सरायरंजन, मोरवा, मोहिउद्दीननगर, विभूतिपुर और वैशाली जिले के पातेपुर से मिलकर बना है।
कृषि प्रधान क्षेत्र की उपेक्षा लोगों को खटकती है। पहले यह तंबाकू उत्पादन क्षेत्र था। बाद में सब्जी की खेती होने लगी। लेकिन, कृषि आधारित उद्योग-धंधे स्थापित नहीं होने से लोगों में नाराजगी है। पिछले चुनाव में भी यह मुद्दा हावी था।
उजियारपुर लोकसभा क्षेत्र में कुशवाहा और यादव जाति के मतदाताओं की संख्या अधिक है
उजियारपुर लोकसभा क्षेत्र में कुशवाहा और यादव जाति के मतदाताओं की संख्या अधिक है। इसलिए हर पार्टियां इन दोनों जातियों को अपने पाले में करने की कोशिशों में जुटी हुई रहती हैं। इसके अलावा ब्राह्मण, मुस्लिम और ओबीसी समुदाय के वोटर्स भी हर चुनाव में निर्णायक भूमिका में रहते हैं।
2004 में आलोक मेहता ने रामचंद्र सिंह को 126783 वोटों और 14.66 प्रतिशत से हराया था
2008 में परिसीमन से पहले यह समस्तीपुर लोकसभा था। 2004 में समस्तीपुर लोकसभा से आलोक कुमार मेहता ने जीत हासिल की थी। तब राजद के आलोक कुमार मेहता को 4,37,457 वोट और जद्यू के रामचंद्र सिंह को 3,10,674 वोट मिले थे। आलोक मेहता ने रामचंद्र सिंह को 1,26,783 वोटों और 14.66 प्रतिशत से हराया था।
बिहार राज्य की उजियारपुर संसदीय सीट पर वर्ष 2009 में हुए लोकसभा चुनाव के दौरान 1,22,9327 मतदाता मौजूद थे, जिनमें से JDU उम्मीदवार अश्वमेध देवी ने 1,80,082 वोट पाकर जीत हासिल की थी। अश्वमेध देवी को लोकसभा क्षेत्र के कुल मतदाताओं में से 14.65 प्रतिशत वोटरों का समर्थन हासिल हुआ था, जबकि चुनाव में डाले गए वोटों में से 31.92 प्रतिशत वोट उन्हें मिले थे।
2009 में अश्वमेध देवी और आलोक कुमार मेहता के बीच जीत का अंतर मात्र 25,312 था
दूसरी तरफ, उस चुनाव में दूसरे स्थान पर RJD पार्टी के उम्मीदवार आलोक कुमार मेहता रहे थे, जिन्हें 1,54,770 मतदाताओं का साथ मिल सका था। यह लोकसभा सीट के कुल वोटरों का 12.59 प्रतिशत था और कुल वोटों का 27.43 प्रतिशत था। लोकसभा चुनाव 2009 में इस संसदीय सीट पर जीत का अंतर 25312 रहा था।
उजियारपुर लोकसभा सीट पर वर्ष 2014 में हुए आम चुनाव के दौरान 1,42,6217 मतदाता दर्ज थे। उस चुनाव में BJP पार्टी के प्रत्याशी नित्यानंद राय ने कुल 3,17,352 वोट हासिल कर जीत दर्ज की थी। उन्हें लोकसभा क्षेत्र के कुल मतदाताओं में से 22.25 प्रतिशत ने समर्थन दिया था, और उन्हें उस चुनाव में डाले गए वोटों में से 36.95 प्रतिशत वोट मिले थे।
2014 में नित्यानंद राय और आलोक कुमार मेहता के बीच जीत का अंतर मात्र 60,469 था
उधर, दूसरे स्थान पर रहे थे RJD पार्टी के उम्मीदवार आलोक कुमार मेहता, जिन्हें 2,56,883 मतदाताओं का समर्थन हासिल हो सका था, जो लोकसभा सीट के कुल वोटरों का 18.01 प्रतिशत था और कुल वोटों का 29.91 प्रतिशत रहा था। लोकसभा चुनाव 2014 में इस संसदीय सीट पर जीत का अंतर 60,469 रहा था।
इस बार जद्यू और सी.पी.एम. के साथ ही यादव वोटों का मुस्तैदी से ध्रुवीकरण आलोक मेहता के पक्ष में होने लगा है
जबकि, JDU के अश्वमेघ देवी ने 1,19,669 वोट और सी.पी.एम. के रामदेव वर्मा ने भी 53,044 वोट, आलोक मेहता के आधार वोट में ही सेंधमारी की थी। यह पौने दो लाख वोट 2014 में आलोक मेहता के पराजय का वजह बना, क्योंकि जीत का अंतर मात्र ही 60,469 रहा था। मिल रही ख़बरों के अनुसार, इस बार JDU और सी.पी.एम. के साथ ही यादव वोटों का मुस्तैदी से ध्रुवीकरण आलोक मेहता के पक्ष में होने लगा है।
उजियारपुर लोक सभा क्षेत्र की हार-जीत तय करने वाले धमौन और मोहनपुर के यादव वोटों का मुस्तैदी से ध्रुवीकरण आलोक मेहता के पक्ष में होने लगा है
सबसे उल्लेखनीय मोहउद्दीन नगर विधान सभा अन्तर्गत पटोरी प्रखंड का सबसे बड़ा गांव ‘धमौन’ और ‘बुल्गानीन चौक’ (पूरे बिहार में यादव समाज का सबसे बड़ी आबादी वाला गांव जिसमें 5 पंचायत अंतर्गत 22 गांव-टोले हैं और उसमें लगभग 50,000 आबादी बसती है और पूरे उजियारपुर लोक सभा क्षेत्र की राजनीति तय करती है) का सर्वे रहा।
इसी तरह धमौन के बगल में मोहनपुर प्रखंड भी यादव-बहुल इलाका है। इन दोनों जगहों की यादव आबादी और विभूतिपुर-दलसिंहसराय की कुशवाहा आबादी ही उजियारपुर लोक सभा क्षेत्र की हार-जीत तय करती है।