भारतीय सेना ने अग्निपथ योजना के लिए अधिसूचना जारी कर दिया है। सेना की नौकरी अतिसंवेदनशील होती है। युद्ध के समय सेना के जवान अगर यह सोच लें कि 4 साल की नौकरी के लिए क्यों जान दें और लड़ने से मना कर दें तब क्या होगा? अब छात्र-युवा मांग कर रहे हैं कि नेताओं, विधायक, सांसद, मंत्री की भी सीमा अवधि 3 साल कर दिया जाये या उन्हें भी रिटायर कर दिया जाये तो इसपर पक्ष-विपक्ष के सारे नेता-पार्टी मौन हैं।
भारतीय वायुसेना ने अग्निपथ योजना के लिए अधिसूचना जारी
तीनों सेना प्रमुखों की रक्षामंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात के बाद सेना ने रविवार को साफ कर दिया कि अग्निपथ योजना वापस नहीं होगी। योजना के तहत भर्ती का कार्यक्रम जारी कर सशस्त्र बलों में इसी से भर्ती के सरकार के इरादे जाहिर कर दिए। उधर, योजना के विरोध में कुछ संगठनों के बंद के आहवान पर सरकार अलर्ट मोड पर है।
भविष्य में तीनों सेनाओं में अफसर रैंक के नीचे की सभी भर्तियां इस योजना के जरिए ही होंगी
केरल व हरियाणा सरकार ने प्रदर्शनकारियों को चेतावनी दी है । झारखंड सरकार ने स्कूलों को बंद रखने की घोषणा की है। कांग्रेस ने देशभर में प्रदर्शन की बात कही है। इससे पहले, सैन्य मामलों के अतिरित्त सचिव लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी ने कहा कि सशस्त्र बलों को इस योजना की सख्त जरूरत है। भविष्य में तीनों सेनाओं में अफसर रैंक के नीचे की सभी भर्तियां इस योजना के जरिए ही होंगी।
अगर केंद्र के 16 प्रतिष्ठानों में हर साल औसत 2000 नियुत्तियाँ हो तो कुल 32 हजार रित्त पद हुए। इनका 10 प्रतिशत कुल 3200 हुआ। अग्निवीर योजना में हर साल 32 हजार की नौकरी जाएगी। इस प्रकार 29 हजार अग्निवीर बेरोजगार रहेंगे। इस तरह सेना में 2,55,000 ख़ाली पद ख़त्म हो रहे हैं।