यह आज के बिहार विधानसभा का दृश्य है। विपक्ष लगातार अग्निपथ योजना के खिलाफ प्रदर्शन किया गया। विपक्ष ने विधान सभा अध्यक्ष से कहा कि आप अग्निपथ योजना पर बहस करा कर वोटिंग करा लीजिए, ताकि बिहार की जनता को यह तो पता चले कि बिहार की कौन-सी पार्टी और कौन-कौन विधायक अग्निपथ योजना के समर्थन में हैं और कौन खिलाफ में है?
लेकिन अध्यक्ष ने विपक्ष की एक बात नहीं सुनी और उनके प्रस्ताव को खारिज कर दिया। तब विपक्ष ने तय किया कि जिस हाऊस में हमारी बात नहीं सुनी जा रही है हम उसका बहिष्कार करेंगे। विपक्ष बहिष्कार का आलम यह रहा कि पूरा हाउस ही खाली रह गया और अध्यक्ष चाहकर भी विधानसभा नहीं चला पाए।
अग्निपथ के विरोध में पूरा विपक्ष एकजूट दिखा। पूर्वाह्न में विपक्ष अग्निपथ पर चर्चा और वोटिंग की माँग के साथ वेल में नारेबाजी की! इसके उपरांत विपक्ष ने मध्याह्न के बाद सदन का बहिष्कार किया। आज जदयू के विधायकों ने भी अघोषित रूप से बहिष्कार किया! BJP और अध्यक्ष अकेले सदन चला रहे थे।
नेता प्रतिपक्ष Tejashwi Yadav समस्त असंतुष्ट विपक्ष द्वारा सर्वसम्मति से किए गए निर्णय को मीडिया के समक्ष व्यक्त किया-
- 1) देश के वर्तमान अर्थात युवाओं की संभावनाओं को गिरवी नहीं रखा जाता है!
- 2) देश के लिए सर्वस्व न्योछावर करने को तैयार सेना के जवानों को ठेके पर नहीं रखा जाता है!
- 3) राष्ट्रीय जनता दल देश के युवाओं के हित में ‘अग्निवीर योजना’ को कतई स्वीकार नहीं करेगा!
- 4) आज बिहार विधानसभा के बाहर राष्ट्रीय जनता दल के माननीय विधायकों द्वारा किया गया अग्निपथ योजना का पुरजोर विरोध!
- 5) सदन की आत्मा है अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और संवाद! पर निरंकुश सत्तापक्ष को सदन की मर्यादा, परंपरा और गरिमा से क्या सरोकार?
- 6) अगर बोलने ही नहीं दिया जाएगा तो हाउस जाने का क्या मतलब?
- 7) जब आपको सबकुछ पहले ही तय कर लेना है तो हम लोगों का क्या काम?