मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक बड़ा फैसला लिया है। कई सारे मंत्रियों का विभाग बदल दिया है अचानक। सवाल उठता है क्या तेजस्वी यादव से इससे पहले हामी भर ली गई थी? क्या उनसे मंजूरी ले ली गई थी, क्योंकि ज्यादा जो मंत्री है वो आरजेडी कोटे के हैं। तीन विभागों के मंत्री बदल दिए गए हैं। सबसे बड़ा नाम प्रोफेसर चंद्रशेखर का है जो अब बिहार के शिक्षा मंत्री नहीं हैं। इसकी अधिसूचना जारी कर दी गई है। मंत्रिमंडल सचिवालय की ओर से यह आदेश में साफ-साफ लिखा गया है।
कौन-कौन से मंत्री हैं?
आलोक कुमार मेहता, प्रोफेसर चंद्रशेखर और ललित कुमार यादव जो आवंटित विभाग थे, उनमें संशोधन किया गया है। अब आलोक कुमार मेहता को शिक्षा विभाग दिया गया है। यानी कि आलोक मेहता बिहार के शिक्षा मंत्री होंगे। प्रोफेसर चंद्रशेखर को गन्ना उद्योग विभाग दे दिया गया है और ललित यादव को राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के साथ स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग का कार्य दे दिया गया है यानी कि ललित यादव पीएचइडी मंत्री भी रहेंगे।
चंद्रशेखर सिंह राम मंदिर पर विवादित टिप्पणी कर सुर्खियों में थे
इसके अलावा, राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग जो आलोक कुमार मेहता के पास था, वो अब ललित यादव को दे दिया गया है। आलोक मेहता को बिहार का शिक्षा मंत्री बना दिया गया है और गन्ना विभाग दे दिया गया चंद्रशेखर को। प्रोफेसर चंद्रशेखर सिंह ‘राम मंदिर’ पर विवादित टिप्पणी कर रहे थे। शिक्षा मंत्री होने के बाद भी वह अपने बयानों से सुर्खियों में थे। इससे राजद की काफी किरकिरी हुई थी।
नीतीश कुमार तेजस्वी यादव की महागठबंधन की सरकार में अब तक का ये सबसे बड़ा फेर-बदल है
क्या सच में तेजस्वी यादव से मंजूरी लेने के बाद ही इतना बड़ा फैसला लिया गया, क्योंकि महामहिम राज्यपाल के आदेश के बाद मंत्रिमंडल सचिवालय ने ये आदेश जारी कर दिया है। नीतीश कुमार-तेजस्वी प्रसाद की महागठबंधन की सरकार में अब तक का ये सबसे बड़ा फेर-बदल है। एक बड़ी बात ये है कि नीतीश कुमार और तेजस्वी प्रसाद की मुलाकात कल ही हुई थी। लालू प्रसाद यादव के साथ मिलने गए थे तेजस्वी प्रसाद।
खरमास बीता, क्या बिहार में खेल शुरू हो गया?
सीएम हाउस से लालू प्रसाद यादव जब निकले थे, तुम मुस्कुराते हुए निकले थे। क्या तेजस्वी प्रसाद और लालू प्रसाद मंजूरी के बाद ही नीतीश कुमार ने इतना बड़ा फैसला लिया है? और अगर इसमें तेजस्वी यादव की मंजूरी नहीं थी तो फिर क्या बिहार में खेल शुरू हो गया? खरमास बाद बिहार में बड़े खेल होने की संभावना जताई जा रही थी।
आलोक कुमार मेहता को कसौटी पर खरा उतरना होगा
राजद संस्थापक सदस्य पूर्व सांसद, इंजीनियरिंग क्षेत्र में उच्च एमटेक डिग्री धारित तेज तर्रार सौम्य एवं मृदुभाषी सामाजिक संवैधानिक अधिकार एवं कर्तव्य के वाहक प्रतिभाशाली व्यक्तित्व हैं आलोक कुमार मेहता। बिहार के नये शिक्षा मंत्री बनाए जाने के पहले तक ये राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग तथा गन्ना उद्योग विभाग के मंत्री थे। अब इनके सामने बिहार की बेपटरी शिक्षा ब्यवस्था को पटरी पर लाने और ACS केके पाठक के साथ सामंजस्य बैठाने की चुनौती है।
आज ही 20 जनवरी को आलोक मेहता ने किसान हित में ईख मूल्य बढ़ाने की घोषणा की थी
आज बिहार के गन्ना किसानों को पेराई वर्ष 2023-24 के लिए गन्ना उद्योग विभाग के मंत्री आलोक कुमार मेहता द्वारा किसानों के हित में ईख मूल्य बढ़ाने की घोषणा की गई है। पेराई वर्ष 2023-24 के प्रारंभ से हीं यह दर लागू होगी। ईख मूल्य बढ़ने से गन्ना के उत्पादन एवं उत्पादकता में वृद्धि होगी। इससे लगभग 3 लाख गन्ना किसान लाभान्वित होगें और गन्ना कृषकों के परिवार को लगभग 2500/- (दो हजार पांच सौ करोड़ रूपये का ईख मूल्य का भुगतान हो सकेगा। विभिन्न प्रभेदों का दर निम्न प्रकार निर्धारित किया गया है-
पूर्व निर्धारित दर तथा नया निर्धारित दर रू० प्रति क्वि०
उत्तम प्रभेद – पहले ₹335 अब ₹355
सामान्य – पहले ₹315 अब ₹335
निम्न प्रभेद – पहले ₹285 अब ₹300
मंत्री आलोक कुमार मेहता ने आज ही 20 जनवरी 2024 को बेगूसराय में बास भूमिहीनों को पर्चा वितरण किया था
आज दिनांक – 20.01.2024 को बास भूमिहीनों को बेगूसराय जिला में माननीय मंत्री, राजस्व एवं भूमि सुधार एवं गन्ना उद्योग विभाग बिहार सरकार आलोक कुमार मेहता द्वारा पर्चा का वितरण किया गया।