गंग नहर के पुल पर एक-दूसरे का हाथ पकड़ा, सेल्फी ली और गंगा में छलांग लगा दी। शव दलदल में मिला पत्नी लापता
कर्ज के जाल में फंस कर कैसे एक हंसता खेलता परिवार तबाह हो जाता है, उसका एक दुखद नाजारा उत्तर प्रदेश सहारनपुर में दिखा। ब्याज का लेना-देना यूं ही हराम नहीं बताया गया है। ब्याज के जाल में फंसने वाला उसकी कीमत जान देकर भी चुका सकता है। सहारनपुर में सर्राफ कारोबारी और उनकी पत्नी ने गंगा में कूद कर जान दे दी। दोनों सुसाइड करने के लिए शनिवार रात बाइक से 80 किमी. दूर हरिद्वार पहुंचे। गंग नहर के पुल पर एक-दूसरे का हाथ पकड़ा, सेल्फी ली और गंगा में छलांग लगा दी। कारोबारी का शव दलदल में मिला जबकि पत्नी लापता है।
कर्ज के जाल ने लिया जान
सौरभ बब्बर ने सुसाइड नोट में लिखा कि ‘‘मैं सौरभ बब्बर कर्जों के दलदल में इस कदर फस गया हूं कि बाहर निकलने का कोई रास्ता नहीं बचा। अंत में, मैं और मेरी धर्मपत्नी मोना बब्बर अपनी जीवन लीला समाप्त कर रहे हैं। हमारी किशनपुरा वाली प्रॉपर्टी हमारे दोनों बच्चों के लिए हैं। हमारे दोनों बच्चे अपनी नानी के घर रहेंगे। इनका जीवन अब हम पति-पत्नी उनके हवाले करके जा रहे हैं। बच्चे हमारे वहीं रहेंगे। हमें किसी और पर भरोसा नहीं है और जब हम आत्महत्या करेंगे तो व्हाट्सएप पर फोटो शेयर कर देंगे।”
सौरभ और मोना के दो बच्चे हैं, जिनका जिक्र उन्होंने अपनी सोसाइड नोट में भी किया। सौरभ और मोना की शादी 18 साल पहले हुए थी। उनकी बड़ी लड़की 12 साल की है और लड़का 7 साल का है। कर्ज के जाल में फंसकर ये छोटा सा हंसता खेलता परिवार तबाह हो गया। सौरभ ने सुसाइड नोट में लिखा था- ‘कर्ज में डूबे हुए हैं। ब्याज दे-देकर परेशान हो गए हैं। अब हमसे और ब्याज नहीं दिया जाता। इसलिए मौत को गले लगा रहे हैं. हमारे देश में कर्ज या आर्थिक तंगी से परेशान होकर आत्महत्या करने के मामले लगातार बढ़ रहे हैं।
कर्ज छीन रही जिंदगियां
केंद्र सरकार की एजेंसी है नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो यानी NCRB. इसके आंकड़े बताते हैं कि भारत में कर्ज कितना जानलेवा बनता जा रहा है। एजेंसी पर आत्महत्या के 2022 तक के आंकड़े मौजूद हैं। इससे पता चलता है कि भारत में होने वाली सौ में से हर चौथी सुसाइड कर्ज या आर्थिक तंगी के कारण होती है।
2022 में देशभर में 1.70 लाख से ज्यादा लोगों ने खुदकुशी कर ली थी। इनमें से सात हजार से ज्यादा लोग ऐसे थे जिन्होंने कर्ज से परेशान होकर आत्महत्या की थी। इस हिसाब से हर दिन औसतन 19 लोगों ने सुसाइड की। आंकड़े बताते हैं कि 2018 से 2022 के बीच पांच साल में कर्ज से परेशान होकर 29 हजार 486 लोग आत्महत्या कर चुके हैं।